उत्तर प्रदेश में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में जांच कर रही कानपुर की एसआईटी की टीम ने मनीष गुप्ता के दोनों दोस्तों के बयान दर्ज कर लिए हैं. एसआईटी ने मनीष के दोनों दोस्तों के साथ-साथ उनकी पत्नी मीनाक्षी के भी बयान दर्ज कर लिए हैं.
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मनीष गुप्ता हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी की टीम ने बुधवार, 6 अक्टूबर को कानपुर में मनीष गुप्ता के घर पर ही उनके दोनों दोस्त हरवीर और प्रदीप सिंह को बुलाकर बयान दर्ज किए. सुबह करीब 11:30 बजे पहुंची एसआईटी की टीम शाम 6:30 बजे तक हरवीर और प्रदीप के साथ-साथ मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता के बयान दर्ज करती रही.
पूछताछ के दौरान एसआईटी ने हरवीर से पुलिस के होटल में आने, रूम का दरवाजा खटखटाने और उनको एक सिपाही द्वारा कमरे के बाहर जबरन ले जाने के पूरे घटनाक्रम का बयान दर्ज किया. एसआईटी ने प्रदीप सिंह से पूछा कि कमरे में घुसते ही पुलिस ने किस तरह का बर्ताव किया और फिर बेड पर सो रहे मनीष से किस बात को लेकर बातचीत बहस में बदल गई.
आपको बता दें कि एसआईटी की टीम ने हरवीर और प्रदीप से गोरखपुर जाने की वजह भी पूछी और मनीष गुप्ता को गोरखपुर बुलाने पर भी सवाल किया. एसआईटी की टीम हरविंदर और प्रदीप से पूछताछ के बाद अब चंदन सैनी के बयान दोबारा दर्ज कर सकती है, जिसके बुलावे पर मनीष, हरवीर और प्रदीप गोरखपुर गए थे.
क्या है मामला?
27-28 सितंबर की दरम्यानी रात को गोरखपुर के एक होटल में पुलिस की दबिश के बाद कानपुर के कारोबारी मनीष की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. मनीष के साथ होटल में रुके उनके दोस्त हरवीर सिंह ने बताया कि वे होटल कृष्णा पैलेस के अपने रूम नंबर 512 में सो रहे थे.
हरवीर ने बताया कि देर रात पुलिसवालों ने दरवाजा खुलवाया और आईडी चेक करने लगे, मनीष ने देर रात की जांच पर सवाल उठाए, तो पुलिसवाले सामान तक चेक करने के बाद पीटने लगे. हरवीर का आरोप है कि पुलिसवाले शराब के नशे में भी थे, देर रात में की जा रही चेकिंग को लेकर सवाल पूछने पर उन्होंने पीटा.
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