Lucknow News: केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को जमानत के लिए अदालत में बंध पत्र (श्योरिटी) पेश करने के एक दिन बाद गुरुवार को लखनऊ की जेल से रिहा कर दिया गया. आपको बता दें कि सिद्दीक कप्पन को 2 साल 3 महीने 26 दिन जेल में बिताने के बाद रिहा किया गया है. कप्पन को दोनों (हाथरस कांड में हिंसा फैलाने की कोशिश और मनी लॉन्ड्रिंग) मामलों में जमानत मिलने के बाद जेल से रिहाई मिली है. जेल से रिहाई के बाद पत्रकार कप्पन ने यूपी तक से खास बातचीत की. खबर में आगे जानिए उन्होंने क्या-क्या कहा?
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पत्रकार ने कहा,
“मैं अभी जेल से बाहर आते वक्त जेलर से मिला, तो उन्होंने कहा कि सिद्दीकी बाहर बहुत मीडिया है. आप कुछ बोलना मत. आपके ऊपर दोबारा मुकदमा लगेगा. रिपोर्टिंग करना अपराध है? मैं सिर्फ रिपोर्टिंग करने के लिए पहुंचा था. मेरे साथ एक ओला ड्राइवर था उसको भी पकड़ कर जेल में डाला गया.”
सिद्दीकी कप्पन
उन्होंने आगे कहा, “हमारे मोबाइल में कितने ही लोगों के नंबर हैं. बीजेपी के तमाम नेताओं के नंबर हैं. आरएसएस वालों के मोबाइल नंबर हैं. पीएफआई के लोगों के मोबाइल नंबर हैं. अगर किसी का मोबाइल नंबर उसमें है, तो उससे कनेक्शन जोड़ दिया जाएगा? मेरे अकाउंट में किसी तरह का ट्रांजैक्शन नहीं था. मेरे अकाउंट में ₹5000 नहीं आए.”
बकौल सिद्दीकी कप्पन, “बहुत संघर्ष करना पड़ा. मेरी मां का इस दौरान इंतकाल हो गया. मैं जेल में था मेरी पत्नी और बच्चे की पढ़ाई छूटी. जो कुछ हुआ अब उसके खिलाफ आगे लड़ाई लड़ेंगे. 28 महीने पूरे हो गए हैं. न्याय पूरा नहीं मिला है. 28 महीने के बहुत संघर्ष के बाद आज हम बाहर हैं. बहुत खुश हैं.”
गौरतलब है कि कप्पन को कप्पन और तीन अन्य को अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था, जब वे हाथरस जा रहे थे, जहां एक दलित महिला की कथित रूप से बलात्कार के बाद मौत हो गई थी.
यूपी सरकार ने कप्पन पर धार्मिक संघर्ष भड़काने की साजिश का हिस्सा होने और हाथरस मामले को लेकर राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था. पत्रकार पर प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के साथ कथित संबंध होने का भी आरोप भी लगाया गया था. वहीं, कप्पन ने आतंकी फंडिंग जैसे अन्य आरोपों से इनकार किया है. उनका कहना है कि वो सिर्फ अपनी पत्रकारिता कार्य से हाथरस जा रहा था.
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