Lucknow Chatori Gali: ‘लखनऊ है तो महज गुंबद ओ मीनार नहीं, सिर्फ एक शहर नहीं, कूच ओ बाजार नहीं…’ योगेश प्रवीन के इस शेर को बखूबी सार्थक करता है आज का लखनऊ! लखनऊ शहर का नाम सुनकर अगर आपको अब भी इमामबाड़ा, रूमी दरवाजा, चौक की गलियां, अमीनाबाद, नक्खास याद आते हैं और कबाब, बिरयानी जैसे पकवानों की महक आपके मुंह में पानी ले आती है, तो अब जरा ठहर जाइए, थोड़ा इन अहसासों से आगे निकलिए और एक ‘नए Lucknow’ की तरफ रुख कीजिए.
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लखनऊ की एक नई छवि दिखाती ‘चटोरी गली’
वो लखनऊ जहां नजाकत के साथ सिर्फ पुराने शहर के लजीज पकवान ही नहीं, एकदम फास्ट और मॉर्डर्न अंदाज में Gen Z की पसंद के World Cuisine भी परोसे जाते हैं. चौक-अमीनाबाद की पुरानी गलियों से निकलिए और आइए लखनऊ की एक नई छवि दिखाती ‘चटोरी गली’ में.
चटोरी गली में आपको मिलेगा ये सब
लखनऊ के 1090 चौरहे पर हर शाम रौशनी और लोगों की रौनक से सजने वाली चटोरी गली के पास पहुंचते ही दुनिया के अलग-अलग देशों के Cuisine की महक आपको ठहरने पर मजहबूर कर देगी और यहां मिलने वाली हर Dish का स्वाद आपको इस शहर के थोड़ा और करीब ले आएगा.1090 चौराहे पर करीब एक किलोमीटर तक फैली इस चटोरी गली के जायकों का स्वाद चखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं.
लखनऊ के खासियत कबाब से लेकर बिहार के प्रसिद्ध लिट्टी चोखा, असम की तंदूरी चाय, मुंबई की पाव भाजी, पानी के बताशे…या Mexican से लेकर Korean खाने का अनुभव, न सिर्फ आपको देश-विदेश के स्वाद चखाएगा बल्कि आपको इस शहर के थोड़ा और करीब ले आएगा.
लखनऊ आएं तो चटोरी गली जरूर जाएं
इन दिनों चटोरी गली युवाओं के लिए पसंदीदा अड्डा बन गई है. इतना ही नहीं हर उम्र के लोग यहां आते हैं और शाम-ए-अवध के दीदार के साथ ही अपने मनपसंद खाने का लुत्फ भी उठाते हैं. अगर आप भी तरह-तरह के खाने के शौकीन हैं, तो चटोरी गली आ कर इस शहर को एक नए नजरिए से देखने से बिल्कुल मत चूकिएगा.
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