Lucknow News: उंगलियां शरीर का कितना अहम हिस्सा है, ये हम सभी अच्छे से जानते हैं. बिना उंगलियों के मनुष्य को हर कार्यों में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हर दिन लोग हादसों में अपनी उंगलियां या शरीर के अन्य हिस्से खो देते हैं और जिंदगी भर उसका दर्द सहते हैं. मगर अब मेडिकल साइंस के विकास को देखकर लग रहा है कि मेडिकल साइंस के लिए कुछ भी असंभव नहीं है. ताजा मामला राजधानी लखनऊ के पीजीआई अस्पताल से सामने आया है.
ADVERTISEMENT
यहां डॉक्टरों ने एक बच्चे की कटी 2 उंगलियों को घंटों की सर्जरी के बाद सफलतापूर्वक वापस जोड़ दिया. डॉक्टरों की इस उपलब्धि से बच्चे के परिवार में खुशी की लहर है तो वहीं डॉक्टरों की टीम को भी बड़ी सफलता हाथ लगी है.
चारा मशीन में आने से कट गई 2 उंगलियां
दरअसल पीड़ित बच्चा सुल्तानपुर जिले के मुरजाम गांव का रहने वाला है. मिली जानकारी के मुताबिक, यहां रहने वाला 9 साल का श्लोक आरा मशीन के पास खेल रहा था. तभी अचानक उसकी 2 उंगलियां आरा मशीन में आ गई और कट गई.
बच्चे की हालत देख उसके परिजन उसे फौरन लखनऊ पीजीआई लेकर आए. यहां डॉक्टरों की टीम ने उसका इलाज शुरू किया. फिर प्लास्टिक सर्जरी विभाग की टीम ने कई घंटे का ऑपरेशन करके बच्चे की दोनों उंगलियां जोड़ दी.
7 घंटे में डॉक्टरों को मिली ये सफलता
इस पूरे मामले पर डॉ राजीव अग्रवाल ने बताया कि घटना के तुरंत बाद माता-पिता बच्चे को लेकर पीजीआई पहुंचे. यहां डॉक्टरों की टीम ने फौरन बिना देर किए सर्जरी विभाग के टीम को अलर्ट कर दिया और बच्चे की सर्जरी शुरू कर दी गई.
डॉ अग्रवाल ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि कटी हुई दोनों उंगलियों के प्रत्यारोपण में 7 घंटे लगे. उसके बाद भी डॉक्टर लगे रहे तब जाकर उंगलियां फिर से जुड़ पाईं. डॉ अग्रवाल के मुताबिक, उंगलियों के ट्रांसप्लांट में हड्डियों को K- WIRE से जोड़ा जाता है. उंगली की आर्टरी को भी जोड़ा जाता है, ताकि रक्त संचार होने लगे. इसके बाद वेन और नर्व को भी जोड़ दिया जाता है. इसके बाद कंडरा जिसे टेंडन कहते हैं, उसे भी जोड़ा जाता है. फिर कहीं जाकर त्वचा को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाती है.
अंग कट जाए तो फौरन ये करें
पीजीआई अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ राजीव अग्रवाल ने बताया कि जब भी कभी शरीर का अंग कट जाए, तो सबसे पहले उसे साफ पॉलिथीन में रख लेना चाहिए. एक बड़े आकार का बर्फ का टुकड़ा जो कई घंटो तक चल सके, उसे भी साथ में रख देना चाहिए, जिससे की कटा हुआ अंग या हिस्सा, ठंडा रहे. इससे अंग बेजान नहीं होगे और उन्हें 4 से 6 घंटे के अंदर फिर से जीवित किया जा सकता है.
ADVERTISEMENT