Lucknow News: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को केंद्र की बीजेपी सरकार ने देश के दूसरे सबसे सर्वोच्च सम्मान पद्म विभूषण से नवाजने का ऐलान किया है. इसी के चलते अब अखिल भारत हिंदू महासभा ने विरोध किया है. महासभा के अधिकारियों का कहना है कि ‘भगवान राम से द्रोह करने वाले और निहत्थे कारसेवकों पर गोली चलाने वाले मुलायम सिंह यादव को केंद्र सरकार यह सम्मान ना दे क्योंकि मुलायम सिंह यादव इस सम्मान के हकदार नहीं हैं.’
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वहीं, अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा,
“समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने जिस प्रकार से आजीवन हिंदुओं के विरोध में काम किया और मदरसों के साथ-साथ मौलानाओं की रखवाली की. उनके लिए रोजा इफ्तार करवाया, उर्दू को द्वितीय भाषा का दर्जा दिया और अब ऐसे व्यक्ति को पद्म विभूषण सम्मान मिला है, जोकि उचित नहीं है.”
शिशिर चतुर्वेदी
शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि ‘मुलायम सिंह यादव ने आतंकवादी की रिहाई के आदेश दिए थे. हज हाउस बनवाए. मुलायम सिंह यादव ने निर्दोष राम भक्तों पर गोलियां चलवाई, जिसके बाद उनके परिवारों को लाशें तक नहीं मिल पाईं. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण देना गलत है और इसका विरोध अखिल भारत हिन्दू महासभा करती है.’
हिंदू महासभा के नेता शिशिर चतुर्वेदी ने आगे कहा कि ‘अगर पुरस्कार देना ही था तो कोठारी बंधुओं को देना चाहिए और तो और उनको देना चाहिए जिन राम भक्तों पर मुलायम सिंह यादव ने गोली चलवा दी थी और वे शहीद हो गए थे. भगवाधारी सरकारों ने शहीद राम भक्तों को शहीद का दर्जा तक नहीं दिया. हिंदू महासभा का यही कहना है कि जो लोग राम से द्रोह करते थे उनको ऐसा सम्मान देना यह पुरस्कार को अपमानित करने जैसा है.’
वहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर जवाब देते हुए शिशिर ने कहा कि ‘बोल रहे हैं कि मुलायम सिंह यादव को भारत रत्न देना चाहिए, वह तो खुद राम द्रोही हैं. उनको शर्म आनी चाहिए क्योंकि ऐसे व्यक्तियों को भारत रत्न नहीं दिया जाता जो राम द्रोही हैं और यह भारत रत्न का भी अपमान होगा. मुलायम सिंह जैसे नेता को पद्म विभूषण नहीं देना चाहिए.’
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