लखनऊ में पीएसी के इंस्पेक्टर सतीश कुमार सिंह की हत्या किसी अपने की साजिश, सटीक मुखबिरी और इंस्पेक्टर की जिंदगी में पत्नी के अलावा अन्य महिलाओं के दखल से परिवार में शुरू हुई कलह का नतीजा मानी जा रही है.
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सोमवार से अब तक हुई तफ्तीश में पुलिस को मिले सुबूत,सुराग और जानकारी हत्याकांड के पीछे इसी वजह की ओर इशारा कर रहे हैं. पुलिस अब शूटर के बजाय हत्याकांड के मास्टरमाइंड को चिन्हित करने के बाद शूटर की गिरफ्तारी के प्लान पर काम कर रही है.
बीते सोमवार की सुबह दो बजे कृष्णा नगर के मानस नगर में रहने वाले पीएसी के इंस्पेक्टर सतीश कुमार सिंह की हत्या में अब तक पुलिस के हाथ खाली है. घटना के खुलासे में लगाई गई टीमें हत्याकांड की वजह और हत्याकांड के मास्टरमाइंड को चिन्हित करने में लगे हैं. अमूमन गोली मारकर की गई हत्या में पुलिस पहले शूटर और फिर साजिशकर्ता की तलाश करती है, लेकिन यहां पुलिस उल्टी थ्योरी पर काम कर रही है. पुलिस अब घटना कैसे हुई और किसके इशारे पर हुई, उस साजिशकर्ता को चिन्हित करने में लगी है और इसके बाद शूटर की तलाश उसके लिए आसान हो जाएगी.
अब तक पुलिस जांच में क्या पता चला?
सोमवार से अब तक हुई जांच में पुलिस मानस विहार में इंस्पेक्टर सतीश कुमार सिंह के घर से कृष्णा नगर सड़क की तरफ जाने वाले डेढ़ किलोमीटर के रास्ते में लगे लगभग 80 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाल चुकी है. इंस्पेक्टर के घर की गली से निकलने का एक सीसीटीवी पुलिस को हाथ लगा है, जिसमें एक शख्स हुडी पहने हुए जाता नजर भी आ रहा है. मोबाइल टावर से मिले एक्टिव मोबाइल रिकॉर्ड और मूवमेंट से इतना तो साफ है कि हत्यारा सटीक मुखबिरी पर 32 बोर के असलहे के साथ अकेले ही आया था.
पुलिस ने इस मामले में सतीश सिंह के मकान से सटे दूसरे मकान सतीश सिंह के बड़े भाई अजीत के घर का भी सीसीटीवी खंगाल चुकी है. अजीत सिंह के घर का एंट्रेंस दूसरी सड़क से है, लेकिन अजीत सिंह के घर में लगे सीसीटीवी में फायरिंग की आवाज और फिर सतीश सिंह की पत्नी भावना के चीखने की आवाज सुनाई पड़ रही है.
इन सवालों का जवाब नहीं दे पा रही पत्नी
पुलिस को अब तक की तफ्तीश में कुछ सवालों के जवाब ना तो कॉल डिटेल से मिल पा रहे हैं और ना ही भावना सिंह दे पा रही है. राजाजीपुरम से मानकनगर के बीच का रास्ता महज 15 से 20 मिनट का है. जब भावना राजाजीपुरम में तेज सिर दर्द से कराह रही थी तो फिर बिना दवाई लिए उसे गाड़ी में नींद कैसे आ गई? भावना ने बयान दिया कि उसने एक गोली की आवाज सुनी और उसकी नींद टूटी, जबकि जांच में साफ हुआ है कि सतीश सिंह पर 5-6 गोली दागी गई, जिसमें तीन गोली उनको लगी थी, तो भावना की नींद ताबड़तोड़ फायरिंग के बीच में भी क्यों नहीं खुली?
भावना ने बयान दिया कि रास्ते में एक दो जगह सतीश सिंह पान मसाला खरीदने के लिए रुके थे. रास्ते में फोन पर उन्होंने कहा कि सहसावीर बाबा मंदिर पहुंच चुके हैं. इस मंदिर से सतीश सिंह के घर की दूरी डेढ़ किलोमीटर से भी कम है. रात में यह सफर तीन से चार मिनट का होता है. भावना 4 मिनट पहले सतीश सिंह को पान मसाला खरीदते और किसी से फोन पर बात करते सुन रही है तो फिर 4 मिनट बाद ही जब गाड़ी रुकी, गाड़ी का गेट खोलकर सतीश सिंह उतरे, उन पर फायरिंग होने लगी, तब भी भावना की नींद क्यों नहीं खुली?
भावना ने आरोप लगाया कि उनके पति के आलमबाग के श्रंगार नगर वाले मकान में रहने वाली एक महिला से अवैध संबंध थे. पुलिस ने जब इस जानकारी पर उस महिला की तलाश की तो वह अपने घर पर मिली, वह फरार क्यों नहीं हुई? उस महिला ने उल्टे भावना सिंह पर किसी अन्य व्यक्ति से अवैध संबंध का आरोप लगाया, जिसको लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद का खुलासा किया.
सतीश सिंह को गोली लगने के बाद भावना ने इसकी जानकारी अपने नंदोई को दी. घटना की सूचना पाकर जब नंदोई और सतीश सिंह के बड़े भाई अजीत सिंह घर पर पहुंचे तो वहां पुलिस की 112 पीआरवी खड़ी थी. वहां पर एंबुलेंस का इंतजार किया जा रहा था, जबकि भावना अपनी बेटी के साथ घर के अंदर कमरे में बैठी थी. गेट अंदर से बंद था. पुलिस और परिजनों के आने के बाद भी भावना कमरे से बाहर नहीं निकली. सतीश सिंह को अस्पताल ले जाया गया, तब भी वह नहीं निकली और ना ही उनके साथ जाने की कोशिश की.
क्यों दिवाली की रात वारदात को दिया अंजाम?
पुलिस को शक है कि शूटर को सतीश सिंह के घर आने की टाइमिंग की सटीक जानकारी थी इसीलिए वो डेड एंड वाली गली में घात लगा कर बैठा था. उसे पता था कि सतीश सिंह अपनी गाड़ी लंबे समय से बंद पड़े मकान के सामने लगाएंगे. दिवाली की रात ही वारदात को अंजाम देना भी पुलिस को शक पैदा करता है.
पुलिस को लगता है कि दिवाली वाली रात हत्या का अंजाम देने के पीछे भी एक वजह थी. सतीश सिंह पर ताबड़तोड़ 5 से 6 राउंड गोली चली. पत्नी भावना ने भले ही नींद में गोली की आवाज नहीं सुनी, लेकिन रात के 2:00 बजे हुई इस ताबड़तोड़ फायरिंग को पड़ोसियों ने भी संभवत दिवाली के आतिशबाजी की आवाज सुनकर नजरअंदाज किया, जो एक प्लानिंग का हिस्सा भी हो सकती है.
अब तक की जानकारी में पुलिस को सतीश सिंह की ना तो पारिवारिक और ना ही विभागीय रंजिश की जानकारी मिली है. ऐसे में हत्याकांड की वजह सतीश सिंह की निजी जिंदगी में ही तलाशी जा रही है. वह भले ही पत्नी से विवाद हो या अन्य महिलाओं से संबंध हो. सोमवार से अब तक की तफ्तीश के बाद पुलिस किसी ठोस नतीजे पर तो नहीं पहुंच पाई है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि जल्द इस हत्याकांड का खुलासा होगा. चूंकि इस हत्याकांड के पीछे कई रिश्ते भी शक के दायरे में है, लिहाजा पुख्ता सबूत इकट्ठा करने के बाद ही खुलासा किया जाएगा.
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