Lucknow News: इस समय चंद्रयान-3 पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई हैं. भारत के इस मिशन को ‘रॉकेट वुमन’ नाम से चर्चित स्पेस साइंटिस्ट ऋतु करिधाल श्रीवास्तव लीड कर रही हैं. लखनऊ की बेटी ऋतु विज्ञान की दुनिया में भारतीय स्त्रियों की बढ़ती धमक की मिसाल हैं. मंगलयान मिशन में अपनी कुशलता का लोहा मनवा चुकीं ऋतु चंद्रयान मिशन की कामयाबी के साथ एक और ऊंची उड़ान भरेंगी. बता दें कि ऋतु करिधाल श्रीवास्तव चंद्रयान मिशन-3 की डायरेक्टर हैं.
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ISRO चंद्रयान-3 को चांद की ओर करेगा रवाना
14 जुलाई के दिन भारत स्पेस की दुनिया में एक और बड़ी सफलता हासिल करने जा रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद यानी ISRO चंद्रयान-3 को चांद की ओर रवाना करेगा. ये मिशन इसलिए भी खास है क्योंकि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अभी तक किसी भी देश ने दस्तक नहीं दी है. इससे साफ जाहिर है कि ये मिशन देश के लिए तो अहम है ही तो वहीं ये मिशन इससे जुड़े वैज्ञानिकों और विज्ञान के लिए भी महत्वपूर्ण है.
ऋतु करिधाल को दी है जिम्मेदारी
चंद्रयान मिशन 3 की लैंडिग की जिम्मेदारी ऋतु करिधाल के ऊपर है. ऋतु इस मिशन की मिशन डायरेक्टर हैं. वह अपनी टीम के साथ मिलकर इस मिशन को पूरी तरह से सफल बनाने की पूरी कोशिश कर रही हैं.
बता दें कि ऋतु करिधाल को इतने अहम मिशन की जिम्मेदारी उनके पूर्व के अनुभवों को देखते हुए दी गई है. इससे पहले ऋतु मंगलयान मिशन की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर भी रह चुकी हैं. चंद्रयान मिशन 2 में भी ऋतु करिधाल ने मिशन डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभाली थी.
लखनऊ की बेटी हैं ऋतु
ऋतु करिधाल लखनऊ में पली बढ़ी हैं. उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से भौतिकी में एमएससी की है. विज्ञान और अंतरिक्ष में रुचि को देखते हुए ऋतु ने बंगलूरु के भारतीय विज्ञान संस्थान में प्रवेश लेकर पढ़ाई की. उसके बाद ऋतु ने इसरो (ISRO) ज्वाइन किया.
बता दें कि एयरोस्पेस में विशेषज्ञता हासिल करने वाली ऋतु का पूरा करियर उपलब्धियों से भरा रहा है. 2007 में ऋतु को यंग साइंटिस्ट अवार्ड भी मिल चुका है. अलग-अलग मिशन में उनकी भूमिका को लेकर देश की प्रमुख अंतरिक्ष विज्ञानियों में उनका नाम शामिल है. उनकी कामयाबी को देखते हुए ही उन्हें ‘रॉकेट वुमन’ भी कहा जाता है. बता दें कि ऋतु ने साल 1997 में ISRO के साथ काम करना शुरू किया था.
बता दें कि शुक्रवार यानी आज चंद्रयान -3 की लॉंचिंग की जाएगी. चंद्रयान अंतरिक्ष की कक्षा में क़रीब 45 दिन गुज़ारेगा. खास बात ये है कि चंद्रयान -3 के साथ ऑर्बिटर नहीं भेजा जा रहा है. 23-24 अगस्त को इसके चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतरने की उम्मीद है.
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