दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर समेत 16 जगह पर की गई सीबीआई की छापेमारी में एक ठिकाना लखनऊ में भी था. सीबीआई की टीम ने लखनऊ में जिस मनोज राय की तलाश में छापेमारी की, वह मनोज राय पहले भी जेल जा चुका है. साल 2013 में लखनऊ पुलिस ने मनोज राय को हत्या के मामले में जेल भेजा था. शुक्रवार को जब लखनऊ में शराब कंपनी के रीजनल मैनेजर रहे मनोज राय की तलाश में सीबीआई की टीम दर्ज पते पर पहुंची, तो वहां पर फ्लैट बेचा जा चुका था. लिहाजा सीबीआई की टीम आधे घंटे की पूछताछ के बाद बैरंग लौट गई.
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बता दें कि सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के यहां समेत 16 जगहों पर छापेमारी की. जिन ठिकानों पर छापेमारी की गई, उनमें एक ठिकाना Pernord Ricard कंपनी के रीजनल मैनेजर मनोज राय का भी था. विभूति खंड थाना क्षेत्र के ओमेक्स हाइट्स के टावर नंबर 5 के फ्लैट नंबर 1003 का पता मनोज राय के नाम दर्ज था.
दरअसल, शराब कंपनी में रीजनल मैनेजर रहे मनोज राय ने यह फ्लैट किराए पर लिया था, लेकिन साल 2013 में पत्नी की हत्या के आरोप में लखनऊ पुलिस ने मनोज राय को जेल भेज दिया था. जमानत पर जेल से छूटने के बाद मनोज राय से फ्लैट मालिक में फ्लैट खाली करवा लिया और फ्लाइट को बेच दिया. मौजूदा वक्त में ओमेक्स हाइट्स के इस फ्लैट में एक डॉक्टर दंपति सपरिवार रह रहा है.
सीबीआई की टीम शुक्रवार को जब दर्ज पते पर पहुंची और पता चला कि फ्लैट सालों पहले 2014 में बेचा जा चुका है, तो शुरुआती आधा घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई की टीम बैरंग लौट गई.
पत्नी की हत्या के आरोप में मनोज राय जा चुका है जेल
मूलता गाजीपुर के रहने वाले मनोज राय की शादी 2005 में बिहार के आरा जिले की संदेश विधानसभा के पूर्व विधायक सिद्धनाथ राय की बेटी निवेदिता शुक्ला से हुई थी. शादी के बाद से ही पति-पत्नी के बीच रिश्ते खराब रहने लगे, जिसकी वजह से मनोज राय ने पत्नी निवेदिता का मायके जाना भी बंद करवा दिया था.
15 मार्च 2013 को निवेदिता शुक्ला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. मनोज राय ने पुलिस और परिवार वालों को बताया कि निवेदिता ने कीटनाशक खा लिया है, लेकिन बिहार से लखनऊ पहुंचे निवेदिता के पूर्व विधायक पिता सिद्धनाथ राय और उसके भाई ने निवेदिता की मौत को हत्या बताया और एफआईआर दर्ज करवा दी, जिसके बाद मनोज राय को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
घटना के वक्त मनोज राय और उसके पिता मार्कंडेय राय की निवेदिता के परिवार वालों से नोकझोंक भी हुई थी. शराब कंपनी में रीजनल मैनेजर रहे मनोज राय के पास यूपी उत्तराखंड के साथ-साथ नेपाल का भी चार्ज था. लेकिन जेल से छूटने के बाद मनोज राय ने ओमेक्स हाइट्स का किराए का फ्लैट छोड़ दिया. फ्लैट मालिक ने भी फ्लैट एक डॉक्टर दंपत्ति को बेच दिया है फिलहाल मनोज राय और उसके नए ठिकाने की सीबीआई तलाश कर रही है.
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