मथुरा सिविल कोर्ट द्वारा कृष्ण मंदिर के पास बनी शाही मस्जिद के अमीन सर्वेक्षण के फैसले पर ईदगाह कमेटी ने आपत्ति जताई है. मथुरा कोर्ट ने आदेश जारी किया है कि कोर्ट अमीन शाही मस्जिद के जमीन का निरीक्षण करें और 20 जनवरी तक अदालत में अपनी रिपोर्ट जमा करवाएं.
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हिंदू सेना की याचिका पर अदालत द्वारा दिए गए इस फैसले पर मुस्लिम पक्ष और ईदगाह कमेटी ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल करेंगे. वहीं हिंदू महासभा की ओर से पक्षकारों ने इस फैसले पर अपनी खुशी जताई है, तो इन्हीं पक्षकारों में से एक महेंद्र प्रताप सिंह ने मांग की है कि सिर्फ अमीन सर्वेक्षण ही नहीं बल्कि जमीन का पुरातत्व विभाग द्वारा सर्वेक्षण किया जाना चाहिए, जिससे बहुत सारी ऐतिहासिक बातों का पता चल सकेगा.
वहीं ईदगाह कमेटी की तरफ से मुस्लिम पक्षकार तनवीर अहमद ने यूपी तक से कहा है कि वह 2 जनवरी के दिन अदालत खुलते ही कोर्ट के सामने इस फैसले को वापस लिए जाने की मांग करेंगे, अन्यथा सत्र न्यायालय में इस फैसले को चुनौती देंगे. बता दें कि 2 जनवरी से शाही मस्जिद का निरीक्षण शुरू होगा.
इस मामले में वादी दिनेश कौशिक कहते हैं कि 1968 में मंदिर और ईदगाह कमेटी के बीच हुआ समझौता गैर-कानूनी और अमान्य था, क्योंकि कृष्ण जन्म भूमि की ओर से जिस संगठन ने सुलहनामा किया उसे इसका अधिकार नहीं था.
वहीं मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील तनवीर अहमद कहते हैं कि वह फैसला हुआ था तो सर्वमान्य था और कानूनी था.
मुस्लिम पक्ष का कहना है कि अभी तक उन्हें अदालत के फैसले के बाद किसी तरह का नोटिस नहीं दिया गया है. ऐसे में कानूनी प्रक्रिया एकतरफा नहीं हो सकती है.
मथुरा जमीन विवाद में 2 जनवरी को जब अदालत खुलेगी तब यह स्थिति स्पष्ट होगी कि उस दिन कोर्ट अमीन जमीन का निरीक्षण करेगा या फिर यह मामला अभी और लंबा खिंचेगा.
कृष्ण जन्मभूमि केस: कोर्ट का बड़ा आदेश, ज्ञानवापी की तरह शाही ईदगाह का होगा अमीन सर्वेक्षण
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