Mathura News: संपत्ति को लेकर आपने अक्सर परिवार को बिखरते हुए देखा होगा. कहते हैं कि संपत्ति के सामने सारे रिश्ते खत्म जाते हैं. लोग अपनों के ही खून के प्यासे हो जाते हैं. मगर आज हम आपको जो खबर बताने जा रहे हैं, वह शायद ही आपने इससे पहले सुनी हो या पढ़ी हो. ये खबर सामने आई है भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा से. यहां 85 साल की मां का शव चिता पर रखा हुआ था. मगर बुजुर्ग महिला की तीनों बेटियों को मां की मौत का दुख नहीं हुआ. तीनों बेटियां संपत्ति को लेकर आपस में ही एक-दूसरे के साथ लड़ती-भिड़ती रही.
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तीनों बहनों ने श्मशान घाट पर ही एक दूसरे से लड़ाई करनी शुरू कर दी. तीनों संपत्ति को लेकर एक-दूसरे से भीड़ पड़ीं. दूसरी तरफ मां का शव चिता पर लेटा हुआ था. आपको भी जानकर हैरानी होगी कि तीनों बहनों की लड़ाई के कारण कई घंटों तक बुजुर्ग मां का अंतिम संस्कार नहीं हो सका और उनका शव चिता पर लेटा ही रहा. इस दौरान कई बार पंडित भी आकर चले गए. मगर तीनों बहनों की संपत्ति को लेकर लड़ाई की वजह से अंतिम संस्कार नहीं हो सका. कई घंटों तक श्मशान घाट पर तीनों बहनों का ये ड्रामा चलता रहा.
9 घंटे तक चिता पर इंतजार करता रहा मां का शव
85 साल की बुजुर्ग महिला पुष्पा का निधन हो गया. मृतका के कोई बेटा नहीं था. उसकी 3 बेटियां थी. मिली जानकारी के मुताबिक, मृतका अभी अपनी सबसे बड़ी बेटी मिथिलेश के पास रह रही थी. महिला की अन्य दो बेटियों का नाम सुनीता और शशि है. जो बहनें बचपन में एक-दूसरे के साथ रहती थीं, अपनी मां का सहारा बनती थीं, आज वही बहनें संपत्ति की वजह से एक-दूसरे का मुंह तक नहीं देखना चाहती.
आरोप है कि मृतका की सबसे बड़ी बेटी मिथिलेश ने अपनी मां को बातों में लेकर उनका डेढ़ बीघा खेत बेच दिया और सारा पैसा अपने पास रख लिया. तीनों बहनों में खेत के पैसों और अन्य संपत्ति को लेकर भी विवाद चल रहा था, लेकिन इतने में ही बुजुर्ग मां की मौत हो गई.
बेटियों ने ही मां का अंतिम संस्कार नहीं होने दिया
बता दें कि आज यानी सोमवार सुबह करीब 6 बजे बुजुर्ग महिला की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि मां की मौत की खबर बड़ी बेटी ने अपनी बहनों को नहीं दी और वह अपने परिजनों के साथ मां का शव लेकर श्मशान घाट पर आ गई. मगर मां की मौत की जानकारी दोनों बहनों को भी मिल गई.
बुजुर्ग महिला की दोनों बेटियां भी गुस्से में श्मशान घाट पहुंच गई. दोनों बेटियों ने अपनी मां का अंतिम संस्कार नहीं होने दिया. इस दौरान तीनों बहने संपत्ति के बंटवारे को लेकर एक-दूसरे से लड़ाई करने लगी. दोनों बहनों का कहना था कि मां की जो बची हुई संपत्ति है, उसे उन दोनों के नाम किया जाए.
दोनों बहनों ने साफ कह दिया कि मां का अंतिम संस्कार तभी होगा, जब बची हुई संपत्ति हमारे नाम की जाएगी. मगर बड़ी बहन मिथिलेश इस बात के लिए तैयार नहीं हुई. इस दौरान करीब 9 घंटे तक श्मशान घाट पर ही तीनों बहनों के बीच विवाद और लड़ाई होती रही. दूसरी तरफ मां का शव चिता पर लेटा रहा और अंतिम संस्कार का इंतजार करता रहा.
पुलिस भी आ गई
बता दें कि श्मशान घाट में हो रहे विवाद की खबर पुलिस को भी लगी. मौके पर पुलिस भी वहां आ गई. पुलिस ने भी तीनों बहनों को समझाने की काफी कोशिश की. वहां मौजूद लोगों ने भी तीनों बहनों को समझाने की कोशिश की. मगर तीनों बहनों में से कोई नहीं माना.
फिर जाकर श्मशान घाट पर ही तीनों बहनों के बीच लिखित समझौता करवाया गया. इसमें तय किया गया कि मृतक महिला की बची हुई संपत्ति को शशि और सुनीता के बीच बांटा जाएगा. आखिर बड़ी बेटी मिथिलेश को झुकना पड़ा. इस लिखित समझौते के बाद यानी करीब 9 घंटे बाद तीनों बहनों की मां के शव का अंतिम संस्कार किया गया.
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