नाम देखकर लौटा दिए समोसे...मुजफ्फरनगर के मुस्लिम दुकानदार ने बताया सरकार के आदेश के बाद आई ये मुसीबत

यूपी तक

21 Jul 2024 (अपडेटेड: 21 Jul 2024, 09:37 PM)

Muzaffarnagar kanwar Yatra : 22 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू हो रहा है और इसके साथ ही कावड़ यात्रा की शुरुआत. वहीं कांवड यात्रा के शुरुआत से पहले ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बड़ा आदेश दिया.

Muzaffarnagar kanwar Yatra

Muzaffarnagar kanwar Yatra

follow google news

Muzaffarnagar kanwar Yatra : 22 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू हो रहा है और इसके साथ ही कावड़ यात्रा की शुरुआत. वहीं कांवड यात्रा के शुरुआत से पहले ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बड़ा आदेश दिया. उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा रूट पर लगने वाली दुकानों पर नेम प्लेट अनिवार्य कर दिया गया है. दुकानदार को अपना नाम, पता लिखना होगा. वहीं सबसे पहले ये आदेश मुजफ्फरनगर में दुकानदारों के लिए जारी किया गया था. वहीं इस आदेश के बाद कावड़ रुट पर पड़ने वाले दुकानों और उनके मालिकों पर क्या असर पड़ है ये जानने के लिए यूपी तक पहुंचा मुजफ्फरगर में.

यह भी पढ़ें...

दुकानदारों ने बताई ये बात

जहां एक तरफ इस आदेश के बाद से सियासत गर्म दिखी तो वही दूसरी तरफ दुकानों के मालिकों को इसके वजह से कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच मुजफ्फरनगर के मुस्लिम दुकानदारों ने यूपी तक से बातचीत करते हुए इस आदेश को गलत बताया. जमीर अहमद नाम के एक दुकानदार से जब यह पूछा गया कि सरकार के इस फैसले को आप किस तरह से देखते है? जवाब में उन्होंने कहा कि, 'यह आदेश गलत है, हाल ही के एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि एक कांवड़िया हमारे दुकान पर सोमोसे लेने आया पर नाम पढ़ते ही उसने सोमेसे वापस कर दिया और अपने पैसे मांगने लगा.' एक और दुकानदार ने इस भेदभाव बताते हुए कहा कि इससे हमारे बिक्री पर फर्क पड़ रहा है और साथ ही हिन्दू-मुस्लिम का राजनीति हो रही है.

प्रदेश सरकार के नेमप्लेट के आदेश पर सियासत बढ़ती ही जा रही है। कुछ लोग इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसका जमकर विरोध कर रहे हैं। इसी बीच यूपी Tak की संवाददाता ने मुजफ्फरनगर के मुस्लिम दुकानदारों से बातचीत की तो उन्होंने क्या कहा, सुनिए।#Muzaffarnagar #KanwarYatrapic.twitter.com/ewFH1rMjrw

— UP Tak (@UPTakOfficial) July 20, 2024

फैसले पर सियासत भी तेज

बता दें कि इस फैसले के बाद लगातार विपक्ष उत्तर प्रदेश सरकार को निशाना बना रहा है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए इस फैसले को भेदभावपूर्ण बताया है. इसके साथ ही उन्होनें कहा कि यह दर्शाता है कि सरकार यूपी और पूरे देश में मुस्लमानों को दूसरे दर्जें का नागरिक बनाना चाहती है. वहीं अखिलेश यादव से लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती तक ने सरकार के इस फैसलों को गलत बताया है और मांग की है कि जल्द से जल्द इसे वापस लिया जाए.  

    follow whatsapp