Mahoba News: यूपी में महोबा जिले का ऐतिहासिक प्राचीन सूर्य मंदिर का अस्तित्व बचाने के लिए की गई डीएम की पहल पर पुरातत्व विभाग द्वारा अड़ंगा लगा देने से पर्यटकों में भारी गुस्सा देखने को मिल रहा है. विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो का प्रवेश द्वार काहे जाने वाले महोबा के पर्यटन स्थल को पुरात्तव विभाग की ऐसी नजर लगी है कि यहां होने वाले पर्यटन कार्य अमली जामा पहनने से पहले ही रुकावटों की भेंट चढ़ जाते हैं, जिससे पर्यटन विकास की राह देख रहे महोबा को कुछ हाथ नहीं लगता.
ADVERTISEMENT
बता दें कि डीएम महोबा मनोज कुमार द्वारा सूर्य मंदिर को पर्यटन में अग्रणी करने के लिए किए गए म्यूजिक के साथ तीन रंगों की लाइटिंग के टेस्टिंग कार्य को पुरात्तव विभाग ने न केवल रुकवा दिया, बल्कि म्यूजिक-लाइटिंग को भी हटवा दिया है. इससे महोबा के लोगों में असंतोष पनप रहा है और पर्यटन कार्य में आ रही रुकावटों को खत्म करने की मांग शासन से हो रही है.
कोणार्क के सूर्य मंदिर से भी पुराने चंदेलकालीन महोबा के सूर्य मंदिर के खोते अस्तित्व को बचाने के लिए डीएम महोबा मनोज कुमार की पहल रंग लानी शुरू हुई थी. मगर अब इसमें पुरात्तव विभाग का अड़ंगा लगने से सूर्य मंदिर की साज-सज्जा, लाइटिंग का कार्य बंद हो गया है. महोबा जिले में स्थित ऐतिहासिक प्राचीन सूर्य मंदिर को पर्यटन से जोड़ने की मुहिम के तहत डीएम ने मंदिर में लाइट और साउंड लगा कर उसको पर्यटक को आकर्षित करने की कोशिश की थी. डीएम की इस मुहिम को लोगों ने बहुत सराहा था, पर अचानक पुरातत्व विभाग की टीम ने इस सूर्य मंदिर में लगाई गई लाइट और साउंड सर्विस पर रोक लगाते हुए इसे हटवा दिया है, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों में भारी गुस्सा है.
गौरतलब है कि बीते दिनों डीएम महोबा मनोज कुमार ने तीन रंगों की लाइटिंग और म्यूजिक लगाकर मंदिर की खूबसूरती में चार चांद लगाए थे, जिसकी टेस्टिंग का डीएम महोबा ने पूजा कर उद्घाटन भी कर दिया था. तभी से महोबा में स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मंदिर की खूबसूरती को देखने पहुंच रहे थे और पर्यटक भी इस मंदिर में आना शुरू हो गए थे. कजली महोत्सव के दौरान हर-हर संभू गाने वाली फरमानी नाज भी अपनी टीम के साथ इस सूर्य मंदिर में घूमने आई थीं.
इतिहासकार और समाजसेवी बताते हैं कि डीएम की पहल से पर्यटन विकास को लेकर एक आस जगी थी, जिस पर पुरात्तव विभाग ने पानी फेर दिया है. इतिहास कार शरद तिवारी दाऊ और तारा पाटकर बताते हैं कि महोबा के सूर्य मंदिर का निर्माण 850वीं सदी में राजा राहुल देव बर्मन ने कराया था, जिसके अस्तित्व को बचाने की जिम्मेदारी न निभाकर पुरातत्व विभाग डीएम द्वारा कराए जा आ रहे कार्य को भी रुकवा रहा है.
पुरातत्व विभाग द्वारा सूर्य मंदिर के पर्यटन कार्य को रुकवाए जाने को लेकर एसडीएम सदर जीतेंद्र कुमार ने बताया कि जनपदवासियों की जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सूर्य मंदिर में सुंदर लाइटिंग म्यूजिक की व्यवस्था की गई थी, जिसकी टेस्टिंग के बाद पुरात्तव विभाग ने उसे हटवा दिया है. इसको लेकर शासन को लिखा जाएगा. उनका कहना है कि अनापत्ति प्रमाण पत्र आने के बाद फिर से लाइटिंग म्यूजिक लगाया जाएगा.
महोबा: स्कूल बस की ट्रक से टक्कर, 15 छात्र हुए घायल, चालक और तीन बच्चों की हालत गंभीर
ADVERTISEMENT