बरेली जिले के बारादरी इलाके में स्थित एक स्कूल में सिख छात्रों के पगड़ी पहनने और कड़ा तथा कृपाण धारण करने पर रोक के कथित आदेश के खिलाफ सिख समुदाय के लोगों ने बृहस्पतिवार को स्कूल के सामने विरोध- प्रदर्शन किया. अभिभावकों ने शिकायत की है कि स्कूल के टीचरों ने सिख समाज के पढ़ रहे बच्चों पर यह कहकर कमेंट किया कि स्कूल में सिख समाज के बच्चों को पगड़ी, कृपाण और कड़ा पहन कर आने की इजाजत नहीं है. स्कूल वेशभूषा में ही बच्चे आएंगे. हालांकि, प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद स्कूल प्रशासन ने माफी मांग ली है.
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गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में जब अभिभावक पहुंचे तो स्कूल के स्टाफ और अभिभावकों के बीच जमकर बहस हुई. वहीं मामले की सूचना मिलते ही ईसाई समाज के धर्मगुरु विशप इग्निशन डिसूजा भी स्कूल आ पहुंचे. इनके साथ ही इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारी भी स्कूल पहुंच गए. बातचीत कर मामले को सुलझाया गया और स्कूल की ओर से अभिभावकों से माफी मांगी गई.
स्कूल प्रबंधक ने अपने कहे हुए शब्दों को वापस लेकर माफी मांगी. स्कूल प्रबंधक ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि छात्रों से सिर्फ वेशभूषा में आने के लिए कहा गया था. यदि शिक्षक के कुछ शब्दों से अभिभावकों और छात्रों को कोई नाराजगी है या किसी भावनाओं को ठेस पहुंची है तो उसको लेकर स्कूल की ओर से माफी मांगी जाती है.
इनपुट: भाषा
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