Maharajganj News: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को लेकर यूपी में लगातार फर्जीवाड़ा के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला महाराजगंज से आया है. इस मामले ने हड़कंप मचा रखा है. दरअसल यहां मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के दौरान एक भाई-बहन ने ही सात फेरे ले लिए. जैसे ही ये मामला मीडिया के जरिए सुर्खियों में आया, प्रशासन में हड़कंप मच गया.
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दरअसल लड़की की शादी पहले से ही हो चुकी थी. बिचौलियों ने लड़की को फिर से शादी करने के लिए तैयार कर दिया था. इसके लिए एक लड़के को भी पक्का कर लिया गया. मगर शादी वाले दिन वह लड़का नहीं पहुंचा. इसके बाद बिचौलियों ने लड़की के भाई से ही लड़की की शादी करवा दी. इस मामले के सामने आने के बाद खुद महाराजगंज के जिलाधिकारी ने मामले में रिपोर्ट मंगवाई थी. बताया गया था कि योजना के माध्यम से मिलने वाले अनुदान और आर्थिक रकम के लिए भाई-बहन ने ही आपस में शादी कर ली थी. अब इस मामले में बड़ा एक्शन हो गया है.
फेरे लेने वाले भाई-बहन पर हुआ केस दर्ज
बता दें कि फेरे लेने वाले भाई-बहन के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है. इसी के साथ शादी का सत्यापन करने वाले सचिव को भी सस्पेंड कर दिया गया है. काउंटर पर तैनात तकनीकी सहायक को भी मुख्यालय अटैच कर दिया गया है.
योजना के माध्यम से दिया गया सामान वापस मंगवाया
मिली जानकारी के मुताबिक, योजना के माध्यम से दिया गया सामान भी शादी करने वाले भाई-बहन के यहां से वापस मंगवा लिया गया है. योजना के माध्मय से जो 35 हजार रुपये दोनों को मिलने थे, उस पर भी प्रशासन की तरफ से रोक लगा दी गई है.
क्या था पूरा मामला
दरअसल मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत बीते 5 मार्च को लक्ष्मीपुर ब्लॉक में 38 जोड़ो का विवाह करवाया गया था. इसमें लक्ष्मीपुर क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली युवती ने भी अपना पंजीकरण करवाया था. बताया जा रहा है कि युवती की शादी एक साल पहले ही हो चुकी थी. इसके बाद भी बिचौलियों ने युवती को शादी के लिए तैयार कर लिया. मगर जिस लड़के से उसकी शादी होनी थी, वह आखिर मौके पर नहीं आया. ऐसे में बिचौलियों ने अनुदान राशि में मिलने वाले अपने कमीशन के लिए युवती और उसके भाई के बीच ही सात फेरे करवा दिए थे.
अधिकारी ये बोले
संतोष कुमार राय, (मुख्य विकास अधिकारी महराजगंज) ने मामले की जानकारी देते हुए बताया, जैसे ही ये मामला सामने आया, इसकी फौरन जांच करवाई गई. इसमें शामिल वर-वधु के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया है. इसी के साथ ग्राम विकास अधिकारी को भी सस्पेंड कर दिया गया है.
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