हापुड़ के धौलाना में औद्योगिक क्षेत्र में शनिवार को एक केमिकल फैक्ट्री में बॉयलर फटने से 12 लोगों की मौत हो गई जबकि 21 अन्य घायल हो गए. आपको बता दें कि धमाका इतना हाई इंटेंसिटी का था कि अगल-बगल की इमारतों में दरारें पड़ गईं और छतों के ऊपर लगे शेड्स उड़ कर इधर उधर बिखर गए. फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.
ADVERTISEMENT
हापुड़ की जिस फैक्ट्री में धमाका हुआ है. उस फैक्ट्री का नाम रूही इंडस्ट्रीज है. ये फैक्ट्री हापुड़ के धौलाना इलाके में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम यानी UPSIDC के साइट पर बनी हुई है. धमाके के वक्त फैक्ट्री में करीब 30 मजदूर काम कर रहे थे, इसीलिए हादसे में जान गंवाने वाले ज्यादातर मजदूर ही हैं.
शुरूआती जांच में पता चला है कि रूही इंडस्ट्रीज के पास इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने का लाइसेंस था, लेकिन मौके से जो सामान और चीजें बरामद हुई हैं, उससे लगता है कि फैक्ट्री के अंदर अवैध रूप से पटाखें बनाने का काम चल रहा था. मौके पर पुलिस को बारूद के निशान के साथ प्लास्टिक के कारतूस जैसे चीज भी मिली हैं, जिससे ये लग रहा है कि वहां टॉय गन भी बनाए जाते थे.
हापुड़ की डीएम मेधा रूपम ने बताया कि 2021 में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने के नाम पर इस फैक्ट्री का लाइसेंस लिया गया था, लेकिन फैक्ट्री के अंदर केमिकल या दूसरे वोलाटाइल चीजें कहां से आई इसकी जांच चल रही है.
वहीं, इस रेंज के आईजी प्रवीण कुमार ने मामले पर जानकारी देते हुए कहा कि फैक्ट्री मेरठ के दिलशाद नामक व्यक्ति का है और हाल ही में उसने वसीम नाम के एक शख्स को ये किराए पर दी थी. वसीम हापुड़ का स्थानीय निवासी है. फिलहाल पुलिस दिलशाद और वसीम को तलाशने में जुट गई है. पुलिस की मानें तो धमाके के समय वसीम भी फैक्ट्री में मौजूद था. धमाके में वसीम भी बुरी तरह जख्मी है और उसका इलाज कोई अंजान अस्पताल में चल रहा है.
इस घटना के बीच एक बड़ा सवाल ये उठता है कि अगर इस फैक्ट्री में अवैध तरीके से काम हो रहा था तो इसकी भनक प्रशासन को कैसे नहीं लगी? सैकड़ों फैक्टरी वाले इस इंडस्ट्रियल एरिया में सर्विलांस के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए? सवाल तो कई हैं, लेकिन इस सवालों का जवाब कब तक मिलेगा यह तो समय ही बताएगा.
हापुड़ में बड़ा हादसा, कैमिकल फैक्ट्री में बॉयलर फटने से लगी भीषण आग, कई मजूदरों की मौत
ADVERTISEMENT