Bahraich News: उत्तर प्रदेश में बहराइच जिले के जैतापुर गांव निवासी मोहम्मद अली सांप्रदायिक सौहार्द की मिशाल बन चुके हैं. बताया जाता है कि जैतापुर बाजार से कुछ ही दूरी पर देवी मां का घूरदेवी मंदिर स्थित है. इस मंदिर में मोहम्मद अली की मां ने अपने बेटे के लिए मनोकामना मांगी थी और वह मनोकामना पूर्ण भी हो गई थी, जिसके बाद से मोहम्मद अली देवी मां के भक्त बन गए थे.
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बताया जाता है कि बचपन में अली की आंख में परेशानी हो गई थी, जिसके बाद उनकी मां ने देवी मां से उनके बेटे की खराब हो चुकी आंख को ठीक करने की प्रार्थना की थी. इसके बाद उनकी आंख ठीक हो गई थी. बाद में बड़े होने पर मोहम्मद अली ने उस छोटे से मंदिर की पूरी सूरत ही बदल डाली.
अली सिलाई की छोटी सी दुकान चलाते हैं. मोहम्मद अली ने मंदिर निर्माण के लिए खूब चंदा इकट्ठा किया. इस कार्य में गांव के लोगों ने भी कई कुंतल गेहूं दान किए, जिसके कारण मंदिर निर्माण की नींव रखी गई और देखते ही देखते करीब 15 लाख रुपये में मंदिर निर्माण का कार्य हो गया और वहां भव्य मंदिर का निर्माण किया गया.
खास बात यह है कि मोहम्मद अली न केवल देवी मां की अराधना करते हैं बल्कि अपने मुस्लिम धर्म के संस्कारों के भी कट्टर हिमायती हैं. अली मंदिर में देवी मां की पूजा भी करते हैं तो वहीं अजान होने के साथ ही दिन में पांचों वक्त की नमाज भी अदा करते हैं. हर वर्ष शारदीय नवरात्रि में मोहम्मद अली की भक्ति देवी मां के दरबार में देखते ही बनती है. अब देवी मां के उस मंदिर को उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने एक धार्मिक पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए लाखों की सौगात भी दी है. माना जा रहा है इसके बाद से दूरदराज से देवी मां के भक्त भी देवी मां के दर्शन के लिए मंदिर आने लगेंगे.
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