Sambhal News: यूपी के संभल जिले में मंगलवार को आबादी के बीचों बीच अवैध रूप से संचालित आतिशबाजी फैक्ट्री में हुए धमाकों के कारण कई मकानों के मलबे में दबकर 4 लोगों की मौत हो गई जबकि 9 लोग अभी भी अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं. आतिशबाजी कारोबारी के घर में हुए धमाकों ने उसके घर का तो जड़ से सफाया कर ही दिया है. लेकिन कारोबारी के मकान के चारों तरफ स्थित लोगों के मकान भी आगे से पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. घर के अंदर पड़ा हुआ रोजमर्रा का समान ऐसे बिखरा हुआ है कि जैसे सालों से इस इलाके में कोई इंसान आया ही नहीं हो. घटनास्थल के आसपास रह रहे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इस भयानक घटना के मंजर को भुला नहीं पा रहे हैं. यूपी तक की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची तो बच्चों से लेकर बुजुर्गों ने घटना की परत दर परत पूरी कहानी अपनी जुबानी बयां की.
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दरअसल, गुन्नौर कोतवाली इलाके के सराय मोहल्ले में मंगलवार शाम लगभग 5 बजकर 45 मिनट पर साबिर अली के घर में अवैध रूप से संचालित आतिशबाजी फैक्ट्री में विस्फोट हुए जिससे चार लोगों की मौत हो गई. इनमें कारोबारी की पत्नी गुड्डो और बेटी अनम की मौत हो चुकी है, तो दो बेकसूर 6 वर्षीय ओम और 16 वर्षीय सुमैया की भी इस घटना की चपेट में आकर मौत हो चुकी है. जबकि 9 लोग अभी भी संभल और आसपास के जिलों के अस्पतालों में उपचार कराकर अपने पैरों पर दोबारा खड़े होने की दुआ कर रहे हैं.
आबादी के बीचों बीच रिहायशी इलाके में घर के अंदर चल रही आतिशबाजी फैक्ट्री में विस्फोट की घटना के बाद गुन्नौर पुलिस ने आतिशबाजी फैक्ट्री के मालिक साबिर अली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसको सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है. घटनास्थल पर तैनात पुलिसकर्मी संभल पुलिस के वही ‘योद्धा’ हैं, जो आतिशबाजी विस्फोट से पहले अवैध आतिशबाजी फैक्ट्री के संचालित होने का एक सुराग तक नहीं पता लगा सके थे. आतिशबाजी विस्फोट के बाद घटनास्थल को किए गए बैरिकेड की शुरुआत सराय मोहल्ले के प्राथमिक विद्यालय से होती है. यहां आतिशबाजी कारोबारी साबिर अली के ही भाई पटाखा कारोबारी सलीम के घर के आगे बैरिकेड लगाकर रास्ते को बंद किया गया है.
इसके बाद घटनास्थल की तरफ जाने वाले रास्ते पर स्थित मकान के अंदर की कड़ियां टूट कर नीचे गिर चुकी हैं और धमाकों के कारण घर की दीवारों और छत का मलवा जमीन पर फैला हुआ है. इसी के साथ घर के अंदर जमीन पर पड़े हुए सुतली बम और घर के बाहर अभी भी रखी हुई बारूद की थैली इस बात की तस्दीक कर रही हैं कि इस घर के अंदर भी पटाखे बनाने का काम किया जाता था.
हालांकि आतिशबाजी फैक्ट्री वाली जगह अब पूरी तरह से खाली है और उसके चरों तरफ मलबा फैला हुआ है. वहीं, आतिशबाजी विस्फोट की घटना में मुख्य घटनास्थल की 2 दिशाओं में स्थित चार मकान भी विस्फोट की चपेट में आकर 70 प्रतिशत तक खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. चारों मकानों के अगले हिस्से की दीवारें और घर की चौखट मलबे में मिल चुकी हैं. इसी के साथ आसपास के कई बहुमंजिला मकानों में भी भारी दरारें बाहरी तरफ से ही दिखाई पड़ रही हैं. आतिशबाजी विस्फोट की घटना के बाद घटनास्थल से मलबा हटाने का रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के बाद गुन्नौर कोतवाली पुलिस ने घटनास्थल के आसपास की गलियों में स्थित कई मकानों से आतिशबाजी बनाने की सामग्री भारी मात्रा में बरामद की है. अब आधा दर्जन मकानों को सील करके ताला लटका दिया गया है.
सराय मोहल्ले में हुई आतिशबाजी विस्फोट की घटना ने इलाके के बच्चों से लेकर बुजुर्गों और महिलाओं को झकझोर कर रख दिया है. हाल यह है कि मोहल्ले के चश्मदीद बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक उस भयावह मंजर को भूल नहीं पा रहे हैं.
इस भयावह घटना के चश्मदीद बुजुर्ग का कहना है कि ‘मैं कल इसी जगह पर बैठा हुआ था और तभी अचानक कुछ आवाजें हुई जब तक हम उठकर खड़े हुए तभी एक तेज विस्फोट हुआ और आसमान में चारों तरफ काला धुआं था. उसके करीब 1 मिनट बाद बहुत जबरदस्त विस्फोट हुआ जिसमें सभी ईंट आसमान की तरफ हवा में उड़ती हुई दिखाई दीं. तभी कुछ ईंट मेरे भी लगी और इस इलाके में चारो तरफि ईंट ही ईंट थी.’
विस्फोट की घटना के चश्मदीद बच्चे बताते हैं कि ‘कल हमने जब देखा था तो यहां पर पहले सिलेंडर फटे थे और उसके बाद बम फटे थे. उसके बाद जो लोग यहां पर मलबे में दब गए थे उनको जेसीबी से निकाला गया था. हवा में हमें धुआं दिखाई दे रहा था और लेंटर हवा में उड़ता हुआ दिखाई दे रहा था, जिसकी वजह से बहुत लोगों के घरों में ईंटे भी गिरी थी.’
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