Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा में इन दिनों कुत्ते और बंदरों की धरपकड़ घर नसबंदी का काम बहुत तेजी से चल रहा है. नगर निगम की टीम ताजमहल और आगरा किला के पास हर दिन अभियान चला कर कुत्ते और बंदरों को दर्जनों की तादाद में पकड़ रही है. नगर निगम की टीम जाल लेकर निकलती है, जहां भी बंदर और कुत्ते मिलते हैं, उन्हें पकड़कर सेंटर ले जाया जाता है. फिर सेंटर में उनकी नसबंदी की जाती है.
ADVERTISEMENT
आपको बता दें कि नगर निगम की टीम अब तक कुल 6 हजार कुत्तों की नसबंदी कर चुकी है. 56 बंदरों को पकड़कर निगम की टीम ने उनकी नसबंदी की है. कुत्ते और बंदरों की धरपकड़ का यह काम पिछले 3 महनों से बदस्तूर चल रहा है.
दरअसल, आगरा में जी-20 देशों के मेहमान आने हैं. विश्व संरक्षित इमारत ताजमहल और आगरा किला के आसपास कुत्ते और बंदरों का आतंक रहता है. अनगिनत बार बंदर इन इमारतों में पहुंचने वाले पर्यटकों पर हमलावर हो चुके हैं और उन्हें काट भी चुके हैं. इमारतों में कुत्तों और बंदरों का आवागमन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग यानी एएसआई, नगर निगम वन्य जीव संरक्षण विभाग और सुरक्षा एजेंसियों के लिए गहरी परेशानी का विषय लंबे समय से बना हुआ है.
बंदरों के पर्यटकों पर हमलावर होने के कारण एएसआई ने कई बार नगर निगम और वन्य जीव संरक्षण विभाग को चिट्टियां भी भेजी हैं. लंबे समय के इंतजार के बाद नगर निगम ने इन जानवरों की धरपकड़ शुरू की है. अपर नगर आयुक्त ने बताया कि शहर में बंदर और कुत्तों की समस्या को देखते हुए चार जगह सेंटर बनाए गए हैं.
कुत्तों और बंदरों को पकड़कर उन्हें सेंटर पर ले जाया जाता है. सेंटर पर कुत्तों और बंदरों की नसबंदी की जाती है. नसबंदी के बाद कुत्तों को ताजमहल से दूर छोड़ा लेकर छोड़ा जाता है. बंदरों को फतेहाबाद क्षेत्र में उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ा जा रहा है. अपर नगर आयुक्त ने बताया कि अभियान लगातार जारी रहेगा.
ADVERTISEMENT