कौन हैं DM राजेंद्र पेंसिया जिन्होंने छापा मार पाया कि टीचर ने स्कूल में 1 घंटे चलाया था कैंडी क्रश?

अभिनव माथुर

11 Jul 2024 (अपडेटेड: 11 Jul 2024, 12:50 PM)

संभल के जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया इन दिनों चर्चा के केंद्र में हैं. दरअसल, डीएम पेंसिया संभल ब्लॉक के शरीफपुर गांव के  प्राथमिक विद्यालय में औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे. यहां उन्होंने पाया कि टीचर अध्यापन हो छोड़ कुछ और हो काम में व्यस्त हैं.

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संभल के जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया इन दिनों चर्चा के केंद्र में हैं. दरअसल, डीएम पेंसिया संभल ब्लॉक के शरीफपुर गांव के  प्राथमिक विद्यालय में औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे. यहां उन्होंने पाया कि टीचर अध्यापन हो छोड़ कुछ और हो काम में व्यस्त हैं. दरअसल एक टीचर की फोन हिस्ट्री चेक करने पर पता चला कि उसने साढ़े पांच घंटे की ड्यूटी में ढाई घंटे फोन चलाया जिसमें वह 1 घंटे 17 मिनट तक कैंडी क्रश खेलता रहा था. ऐसे में डीएम राजेंद्र पेंसिया अपनी इस कार्रवाई के बाद से सुर्खियों में हैं और लोग उनके बारे में जानना चाह रहे हैं. इस बीच यूपी Tak ने डीएम के बारे में जानकारी हासिल की है, जिसे आप खबर में आगे जान सकते हैं.

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कौन हैं DM राजेंद्र पेंसिया?

आईएएस पोस्टिंग विवरण वेबसाइट के अनुसार, 1983 में जन्मे IAS राजेंद्र पेंसिया मूल रूप से राजस्थान के श्रीगंगानगर के रहने वाले हैं. 2015 बैच के IAS अधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने बीकॉम तक की पढ़ाई की है. बता दें कि 2016 में सबसे पहली तैनाती IAS पेंसिया को मिर्जापुर में सहायक मजिस्ट्रेट/सहायक कलेक्टर के रूप में मिली. वर्तमान में राजेंद्र पेंसिया संभल जिले के डीएम हैं और इससे पहले वह विशेष सचिव (नगरीय विकास) के रूप में तैनात थे.

डीएम ने जब छापा मारा तब क्या-क्या हुआ?

दरअसल, संभल ब्लॉक के शरीफपुर गांव की गौशाला में गौवंशीय पशुओं की मौत के बाद घटनास्थल से वापस लौट रहे डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया अचानक शरीफपुर गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में पहुंच गए. डीएम ने कमपोजिट विद्यालय में पहुंचकर निरीक्षण शुरू किया और सबसे पहले क्लासरूम में छात्र-छात्राओं से बातचीत की. इसके बाद डीएम ने क्लासरूम में मौजूद शिक्षक प्रियम गोयल द्वारा चेक की गई कॉपियों को जांचना शुरू किया. 

6 पेज में डीएम को मिलीं 95 गलतियां

डीएम ने एक-एक करके 6 छात्रों की कॉपियों को चेक किया. शिक्षको द्वारा जांची गई कॉपियों में डीएम को हर पेज पर गलतियां मिलीं. इस तरह से डीएम ने 6 छात्रों की कॉपियों के 6 पेज चेक किए, तो शिक्षक द्वारा चेक की गई कॉपियों के 6 पेज में 95 गलतियां देखने के लिए मिलीं. इनमें पहले पेज पर 9 गलतियां, दूसरे पर 23 गलतियां, तीसरे पेज पर 11 गलतियां, चौथे पेज पर 21 गलतियां, पांचवें पेज पर 18 गलतियां और छठे पेज पर 13 गलतियां देखने के लिए मिलीं. 

स्कूल के शिक्षकों द्वारा पढ़ाई कार्य में खराब गुणवत्ता को लेकर डीएम ने शिक्षा विभाग के अफसरों के सामने ही नाराजगी जताई. इसके बाद डीएम ने नाराजगी जताते हुए अचानक शिक्षक का मोबाइल चेक किया. शिक्षक के मोबाइल फोन के DIGITAL WELBEING फंक्शन से उसके द्वारा ड्यूटी टाइम में फोन में गेम खेलने से लेकर कॉल ड्यूरेशन तक की हिस्ट्री निकालकर सामने आई. शिक्षक द्वारा साढ़े पांच घंटे के ड्यूटी टाइम में ढाई घंटे मोबाइल फोन का प्रयोग किया गया था और उसमें भी सबसे ज्यादा समय 1 घंटा 17 मिनट तक कैंडी क्रश सागा गेम खेला गया था. 26 मिनट तक फोन पर बातचीत की गई थी. 17 मिनट तक फेसबुक चलाया गया था. 11 मिनट गूगल क्रोम और यूट्यूब सहित अन्य एप यूज किए गए थे.    

 

 

इसके बाद डीएम ने विद्यालय के शिक्षकों से नाराजगी जताते हुए स्कूल टाइम में मोबाइल फोन यूज नहीं करने की चेतावनी दी और मौके पर ही मौजूद शिक्षा विभाग के अफसरों को स्कूल टाइम में कैंडी क्रश सागा गेम खेलने वाले शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए. बाद में बीएसए ने कार्रवाई करते हुए शरीफपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक प्रियम गोयल को निलंबित कर दिया. इसी के साथ डीएम ने बीएसए को विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई कार्य कराने के भी निर्देश दिए हैं.

डीएम ने कही ये बात

डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया, "निरीक्षण के दौरान सभी शिक्षकों की एक-एक कॉपी भी चेक की. उसमें सबसे खराब लगा कि एक शिक्षक का प्राथमिक कर्तव्य है कि बच्चे को सही करना. जब तक शिक्षक बच्चों की गृह पुस्तिका को ठीक से नही जांचेंगे तो बच्चा भविष्य में गलती करेगा और सीखेगा नहीं. जब शिक्षक इतनी गलतियां करेंगे तो हम बच्चों को क्या सिखाएंगे. इसलिए हम चाहते हैं कि बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन मिले और शिक्षक भी अच्छे से कॉपियां चेक करें."    

डीएम ने बताया, "इसके अलावा हमने एक शिक्षक के मोबाइल फोन में डिजिटल वेलबीइंग को चेक किया तो उसके 8 बजे स्कूल आने से लेकर 2 बजे तक के समय के बीच ढाई घंटे तक कैंडी क्रश सागा गेम खेला गया था. इसके अलावा भी एक घंटे और मोबाइल यूज किया गया है. शिक्षक विद्यालय में केवल अपने मूल काम शिक्षण कार्य पर ही ध्यान दें और मोबाइल फोन का व्यक्तिगत यूज घर पर ही करें. इससे शिक्षण कार्य का कायाकल्प होगा और मिशन प्रेरणा में भी नंबर वन रहेंगे."

 

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