अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Narendra Giri) की कथित सुसाइड मामले से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को मामले में आरोपी आनंद गिरि (Anand Giri) की जमानत याचिका खारिज कर दी.
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इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने सुनवाई पूरी होने के बाद 7 सितंबर को फैसला रिजर्व कर लिया था. जस्टिस संजय सिंह की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है.
जमानत याचिका खारिज होने के बाद अभी आनंद गिरि को जेल में ही रहना होगा. वहीं आनंद गिरि के वकील सुप्रीम कोर्ट में अब जमानत अर्जी दाखिल करेंगे. बता दें कि 22 सितंबर 2021 से आरोपी आनंद गिरि जेल में बंद है.
याचिकाकर्ता ने अपनी जमानत की अर्जी में कहा था कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है और जिस कथित सुसाइड नोट में उसके नाम का उल्लेख है, उसकी लिखावट नरेंद्र गिरि की नहीं थी और उस नोट में कई काट छांट और ओवरराइटिंग थी.
याचिकाकर्ता ने यह दलील भी दी थी कि घटना के समय वह प्रयागराज से बहुत दूर हरिद्वार में था और पुलिस अधिकारियों ने इस घटना की जानकारी उसे फोन पर दी थी.
महंत नरेंद्र गिरि का शव 20 सितंबर, 2021 को प्रयागराज में उनके मठ बाघंबरी गद्दी में पंखे से लटका हुआ पाया गया था.
पुलिस को शव के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला था जिसमें आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया था.
गौरतलब है कि सीबीआई ने 20 नवंबर, 2021 को एक स्थानीय अदालत में आनंद गिरि और दो अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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