यूपी टीईटी-2021 के प्रमाणपत्र जारी करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है. कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील से पूछा है कि बीएड अभ्यर्थियों को प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक नियुक्त करने के सम्बंध में क्या किसी तरह की नई अधिसूचना जारी की गई है या नहीं? कोर्ट अब प्रतीक मिश्रा और अन्य चार की ओर से दाखिल की गई याचिका पर 16 मई को सुनवाई करेगी.
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दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर बीएड अभ्यर्थियों को प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक नियुक्त करने पर रोक लगाने की मांग की गई है. इस याचिका में कहा गया है की राजस्थान हाईकोर्ट ने एनसीटीई द्वारा 28 जून 2018 को जारी उस अधिसूचना को रद्द कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि प्राइमरी स्कूल के टीचरों के लिए बीएड डिग्रीधारी भी मान्य माने जाएंगे. याचिका में ये भी कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से पारित 25 नवंबर 2021 के अधिसूचना रद्द करने के निर्णय पर विचार नहीं किया है.
यूपी टीईटी परीक्षा 23 जनवरी 2022 को सम्पन्न की गई और उसका रिजल्ट 25 फरवरी 2022 को घोषित किया गया. सरकार अब पास अभ्यर्थियों को टीईटी के प्रमाणपत्र भी जारी करने जा रही है. इस याचिका में ये भी कहा गया है कि टीईटी परीक्षा में बीएड डिग्री वाले भी बैठे थे जो प्राइमरी स्कूलों में टीचर बनने लायक नहीं है. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आदेश दिया है कि 23 जनवरी 2022 को यूपी टीईटी परीक्षा में पास हुए अभ्यर्थियों के प्रमाण अगली सुनवाई तक जारी न किए जाएं.
गौरतलब है कि 28 नवंबर 2021 को पेपर लीक होने के बाद दोबारा आयोजित हुई इस परीक्षा में 18,22,112 अभ्यर्थी बैठे थे, जो 23 जनवरी 2022 को हुई थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इनके जारी होने वाले प्रमाण पत्रों पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है. जिसकी सुनवाई अब 16 मई को होगी.
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