प्रयागराज जिले के चर्चित PCS ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य के मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया था जब पति आलोक मौर्य ने अपनी शिकायतों को वापस ले लिया था. ऐसे में चल रही जांच की फाइल अब लगभग बंद होती दिखाई दे रही है.
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जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में इस मामले को खत्म करने की सिफारिश भी कर दी है. फाइल बंद होने के बाद दोनों को बड़ी राहत मिल सकती है. माना जा रहा है कि दोनों लोगों मे गुपचुप तरीके से समझौता हो गया है. वहीं, इस मामले में ज्योति मौर्य ने भी आलोक मौर्य के खिलाफ धूमनगंज थाने में केस दर्ज कराई थी अब उस मुकदमे को भी वापस कराने की बात चल रही है.
बता दें कि आलोक मौर्य ने पीसीएस पत्नी ज्योति मौर्य के भ्रष्टाचार की शिकायत शासन से की थी और आरोप लगाया था कि पीसीएस अफसर बनने के बाद गलत तरीके से करोड़ों की संपत्ति बनाई है. साथ ही आलोक मौर्य ने अपनी पत्नी ज्योति मौर्य पर होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे से अवैध संबंध का भी आरोप लगाया था. इस मामले में उच्चस्तरीय जांच भी कराने के लिए कमिश्नर को कहा गया था, जिसमें कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है.
कमेटी में अमृत लाल बिंद, अपर आयुक्त प्रशासन, हर्ष देव पांडेय, एसडीएम प्रशासन और जयजीत कौर एसीएम प्रथम शामिल थे. जांच कमेटी ने आलोक मौर्य से आरोपों को साबित करने के लिए साक्ष्य मांगा था. आलोक मौर्य ने इसके लिए 20 दिनों का वक्त मांगा था, लेकिन आलोक मौर्या ने 28 अगस्त को साक्ष्य की बजाय कहानी में नया मोड़ ला दिया और जांच कमेटी के आगे अपनी शिकायत वापस ले ली.
अब आलोक मौर्य की शिकायत वापस लेने के बाद इस मामले को खत्म करने की रिपोर्ट अपर आयुक्त प्रशासन अमृतलाल बिंद ने दे दी है. हालांकि, दोनों के मामले में अभी न्यायालय में तलाक का मामला लंबित भी है. जानकारी के मुताबिक, दोनों की शादी साल 2010 में हुई थी और 2015 में ज्योति एसडीएम पद के लिए चयनित की गई थी. ज्योति और आलोक के दो जुड़वा बेटियां भी हैं.
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