Prayagraj News: कहते हैं एक सफल आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता है लेकिन ये कहानी थोड़ी उल्टी है. प्रयागराज की इस महिला के सफलता के पीछे एक आदमी का हाथ है. हालांकि दोनों प्रयागराज के गणमान्य लोगों में शुमार है. एक प्रदेश के कैबिनेट मिनिस्टर हैं तो दूसरी महिला प्रयागराज की दो बार की मेयर. लेकिन इनकी जिंदगी कभी पैसे की तंगी में गुजरती थी. आलम ये था एक समय खाना बनता था तो दूसरे समय का खाने का पैसा नहीं रहता था. अभिलाष गुप्ता को नंद गोपाल नंदी से प्यार हुआ.
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प्यार के लिए अभिलाषा ने करोड़पति पिता का घर, उस शख्स के लिए छोड़ दिया जिसके पास एक पैसे भी नहीं थे. दोनों के बीच रिश्ता इतना मजबूत था की लाख तकलीफों के बाद भी उनका प्यार कम नहीं हुआ और एक सफल इंसान की तरह दोनों ने रास्ता अख्तियार किया.
प्रयागराज के नैनी शंकरगढ़ की रहने अभिलाषा गुप्ता एक ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखती हैं. ग्रेजुएशन के बाद एमए कर चुकी थी, इस दौरान इनकी मुलाकात दसवीं पास नंदगोपाल नंदी से हुई. दोनों ने एक दूसरे के साथ जीने मरने की कसम खाकर शादी का मन बनाया. लेकिन इन दोनों के रिश्ते अभिलाष गुप्ता के परिवार को बिल्कुल पसंद नहीं था.
ऐसा कहा जाता है कि नंद गोपाल नंदी (Nand Gopal Nadi) ने दूसरे के स्कूटर पर अभिलाषा को बैठाकर शादी के लिए ले गए थे. उस दिन के बाद से अभिलाषा के परिवार वालों ने उनसे दूरी बना ली. नंद गोपाल नंदी की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण जीवन में सफल होने के लिए हमेशा छोटे-मोटे बिजनेस किया करते थे.अभिलाषा उनकी दुकान की देखरेख कर बिजनेस को देखा करते थी और वह बाहर काम किया करते थे. शादी के बाद आलम यह था कि दो वक्त का खाना नसीब होना भी मुश्किल था और अभिलाषा एक ही साड़ी में अपना समय काटती थी.
लेकिन कहते हैं मेहनत करने वालों की मेहनत बेकार नहीं जाती और नंद गोपाल नंदी की मेहनत ही थी जो उनको एक सफल आदमी की तरफ कदम बढ़ गया. एक अच्छे बिजनेसमैन की तरह अपनी पत्नी अभिलाषा गुप्ता के साथ मिलकर सफलाता की जमीन बना लिया. साल 2007 में बीएसपी से शहर दक्षिणी से नंद गोपाल नंदी विधायक पद के लिए चुनाव लड़ा और जीत हासिल किया और मंत्री बन गए. इनकी जिंदगी का पल पलट सा गया. मंत्री नंदी अपनी सफलता के पीछे अपनी पत्नी अभिलाषा गुप्ता का बहुत बड़ा योगदान मानते हैं.
शुरू हुआ अभिलाषा का राजनीतिक सफर
कभी घरेलू कामकाज देखने वाली अभिलाषा ने ये कभी नहीं सोचा था कि वह राजनीति के क्षेत्र में भी कदम रखेंगी और प्रयागराज की प्रथम नागरिक बनाने के लिए चुनावी मैदान में उतारेंगी. लेकिन राजनीति में विपरीत हवा होने के बावजूद अभिलाषा गुप्ता ने प्रयागराज मेयर पद का चुनाव जीत लिया. यूपी में बीएसपी साल 2012 में चुनाव हार चुकी थी.
समाजवादी समाजवादी पार्टी ने पूर्ण बहुमत की सरकार साल 2012 में बना चुकी थी और मुस्किल वक्त में राजनीति की इस जीत के साथ अभिलाषा नंदी गुप्ता प्रयागराज की एक ब्रांड नेता बन गई. उसके बाद साल 2017 में अभिलाषा गुप्ता ने बीजेपी ज्वाइन कर लिया और एक बार फिर से मेयर पद के लिए बीजेपी से उम्मीदवार बनाई गई. इस मेयर के चुनाव में में भी जीत दर्ज की. अभिलाषा गुप्ता नंदी कहती हैं मेरे इस सफलता के पीछे मेरे पति का बहुत बड़ा हाथ है. मुझे उन्होंने एक घरेलू महिला से प्रयागराज की मेयर बना दिया.
मौजूदा समय में नंद गोपाल नंदी बीजेपी सरकार में यूपी के तीन बार के कैबिनेट मिनिस्टर हैं और अभिलाषा नंदी गुप्ता प्रयागराज की दो बार की मेयर है. तीसरे बार फिर से अभिलाषा नंदी गुप्ता मेयर के लिए चुनावी मैदान उतरने की तैयारी कर रही है. अभिलाषा गुप्ता नंदी को लगता है उन्होंने अपने जीवन में जिस शख्स को चुना उसी की बदौलत एक बड़ा नाम बनी है. यही वजह है जिस अभिलाषा के पिता ने दूरी बनाई थी आज वो अपनी बेटी के सफलता को देखकर उनके साथ खड़े हैं.
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