Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज से एक बेहद ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां सात महीने के बच्चे के पेट में भ्रूण मिलने की बात सामने आई है. फिलहाल डॉक्टरों ने चार घंटे के ऑपरेशन के बाद बच्चे के पेट से भ्रूण निकाल दिया है. फिलहाल बच्चा अब सुरक्षित है. वहीं, सात महीने के पेट में बच्चा होने की खबर चर्चा का विषय बन गई है.
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चिकित्सा विज्ञान में यह काफी दुर्लभ मामला है. मगर मोतीलाल नेहरू राजकीय मेडिकल कॉलेज के सरोजिनी नायडू चिल्ड्रेन अस्पताल के डॉक्टरों ने इस सात माह के बच्चे के पेट का ऑपरेशन कर सात माह के भ्रूण को निकाल दिया है. भ्रूण निकाले जाने के बाद बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है.
बच्चे का पेट फूल रहा था, परिजन थे परेशान
दरअसल, 7 माह के एक बच्चे का पेट लगातार फूलता जा रहा था, जिसको लेकर उसके परिजन खास परेशान थे. परिजनों ने बच्चे को कई डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टरों ने पहले बताया कि बच्चे को यूरीन में कोई समस्या है, जिसकी वजह से उसका पेट फूलता जा रहा है. लेकिन जब बच्चे को कोई लाभ नहीं हुआ, तो कुंडा (प्रतापगढ़) से परिजन बच्चे को लेकर मेडिकल कॉलेज के सरोजिनी नायडू चिल्ड्रन अस्पताल (प्रयागराज) पहुंचे.
ऑपरेशन के बाद ये पता चला
चिल्ड्रन अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चे का अल्ट्रासाउंड कराया और अन्य जांचें भी कराई. बाल रोग विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर डी कुमार ने शुक्रवार को सफल सर्जरी कर बच्चे के पेट से मृत भ्रूण निकाल दिया. सर्जरी के बाद बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है. बच्चे के बड़े पापा प्रदीप शुक्ला के मुताबिक, मासूम के पेट से मेल भ्रूण निकला है, जो कि अर्ध विकसित था.
डॉक्टरों ने कही ये बात
वहीं मासूम की सर्जरी करने वाले डॉक्टर डी कुमार के मुताबिक, बच्चे का पेट फुला हुआ था और जांच कराई गई तो उसमें पता चला कि बच्चे के पेट में ही एक बच्चा है. और वो भ्रूण लगातार विकसित हो रहा था, जिसके बाद चिकित्सकों ने सर्जरी कर भ्रूण को निकालने का निर्णय लिया.
अब तक ऐसे कुल इतने केस सामने आए हैं
डॉक्टर के मुताबिक, इस तरह के पहले भी मामले सामने आए हैं. मगर यह दुर्लभ मामला है. क्योंकि ऐसे पूरी दुनिया में लगभग 200 मामले ही अब तक सामने आए हैं. डॉक्टर के मुताबिक, अगर बच्चा अपनी मां के पेट में होता तो यह जुड़वा बच्चे होते. डॉक्टर के मुताबिक, यह उनके लिए भी शोध का विषय है, क्योंकि पूरी दुनिया में ऐसे अब तक 200 केस ही लगभग सामने आए हैं, जिनमें से एक यह केस भी है. हालांकि बच्चे की सफल सर्जरी के बाद परिजनों ने राहत की सांस ली है. वहीं, बच्चे के पेट में बच्चे की खबर पूरे प्रयागराज और आसपास जिलों में भी खासा चर्चा का विषय बनी रही है.
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