गांव-गांव, घर-घर में बिजली पहुंचाने का दावा कर रही सरकारी सिस्टम पर प्रयागराज का ये परिवार एक बड़ा सवाल है. शहर के पॉश इलाके में शुमार प्रीतमनगर में परिवार पिछले सात सालों से अंधेरे में था. झुलसा देने वाली गर्मी हो या सर्दी की रातें. इस परिवार को दिन रात अंधेरे में ही काटना होता है.
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मुख्यमंत्री के दरबार से लेकर हर अफसरों के चौखट पर इस परिवार ने न्याय की गुहार लगाई,लेकिन 8 साल बाद भी इन्हें अपने छोटे से घर में बिजली नसीब नहीं हुई. वहीं पीड़ित परिवार का आरोप है कि दोषी अधिकारी पर कार्रवाई की बजाय उन्हें प्रमोशन मिल गया. वहीं घर में बिजली कनेक्शन ना होने की वजह से परिवार हर मौसम में कई मुश्किलें का सामना कर रहा है.
आलम ये है कि परिवार की नीलम अग्रहरी बढ़ती उम्र की वजह से सुबह ही खाना बना लेती हैं. यही खाना परिवार दोनों टाइम खाता है. हालांकि इन सब परेशानियों के बीच पीड़ित परिवार ने अपने घर में सोलर लाइट लगवा लिया है. कुछ हद तक बिजली की समस्या को सोलर लाइट दूर कर रही है. तकरीबन साढे़ 7 साल बाद इस परिवार के घर में सोलर के जरिए लाइट जली है.
ये है पूरा मामला
प्रीतम नगर कॉलोनी के रहने वाले रविंद्र कुमार जौहरी बीपीसीसीएल एग्जीक्यूटिव ऑफिसर पद से साल 2008 में रिटायर हुए और प्रयागराज के प्रीतमनगर के एलआईजी में रहते हैं. इनकी बेटी आगरा के केमिकल रिएक्शन आईसीएमआर प्रोजेक्ट में काम करती थी. 2012 में उसको केमिकल रिएक्शन हो गया. इसके चलते पूरे परिवार को आगरा में जाकर बेटी के साथ रहना पड़ा.
इस रिएक्शन की वजह से साल 2014 में बेटी की डेथ हो गई. जब परिवार आगरा से 2015 में प्रयागराज वापस अपने घर आया तो बिजली विभाग ने पीड़ित परिवार को बिजली का लंबा चौड़ा बिल भेज दिया. जबकि कई साल तक पूरा परिवार आगरा में रहा. फिर भी पांच यूनिट दर को बढ़ाकर 100 यूनिट बिल भेजा गया.
पीड़ित परिवार ने उस समय के तत्कालीन एसडीओ उमाकांत पर पीड़ित परिवार को कार्यालय का चक्कर लगाने का आरोप लगाया. तब तक बिल को बड़ा कर बीस हजार रुपये से अधिक आ गया. साल 2015 में बिना बताए परिवार का बिजली का कनेक्शन काट दिया गया. वही बिजली विभाग अब घर में लगे मीटर जमा करने की बात कर रहा है. परिवार बोल रहा है कि हमें विद्युत कटौती का बिल दे दीजिए. विभाग नहीं दे रहा है.
सीजीआरएस का दरवाजा खटखटाया
पीड़ित परिवार को जब कहीं से न्याय नहीं मिला तो परिवार ने सीजीआरएस( विद्युत व्यथा निवारण फोरम) का दरवाजा खटखटाते हुए अपनी व्यथा सुनाई.वहां से आदेश हुआ कि चार हजार रुपये जमा कर कनेक्शन शुरू किया जाए. परिवार ने पैसे भी जमा कर दिए लेकिन बिजली विभाग ने आदेश को दरकिनार करते हुए आज तक कनेक्शन नहीं दिया.
इस बीच परिवार अपनी बेटी को खो देने के गम के साथ बिजली विभाग द्वारा चक्कर लगवाए जाने का गम सता रहा था. इसलिए परिवार ने सीएम से लेकर हर बिजली विभाग के अधिकारियों के दरवाजे खटखटाए हैं, लेकिन ना ही दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई हुई और ना ही इनको आसपास कनेक्शन मिल सका.
पीड़ित परिवार के मुताबिक इस मामले में प्रयागराज जिलाधिकारी ने दोषी अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया, लेकिन घूम फिर कर जांच उन्हीं दोषी अधिकारियों के पास आ गई. इसलिए आज तक उन अधिकारियों को कुछ नहीं हो सका. हालांकि विभाग ने दोषी अधिकारी को प्रमोशन देकर दूसरी जगह तैनात कर दिया है. परिवार के मुखिया रविंद्र जौहरी का कहना है कि विभाग पहले तो हमारे विद्युत कनेक्शन काटने का बिल हमें दे, साथ ही दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए. मौजूदा समय में पीड़ित परिवार को 4000 के बिल में मीटर दर जोड़कर 20,000 विभाग जमा करने की बात कर रहा है.
मंत्री ने दिए जांच के आदेश
ऊर्जा विभाग के मंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर ने जांच कर कारवाई करने का निर्देश दिया है. ऊर्जा मंत्री ने ये भी कहा कि सरकार की मंशा और महाराज जी की मंशा है कि हम सभी उपभोक्ता को सही सुविधा प्रदान कर सकें. यही नहीं मंत्री ने ये भी कहा है कि परिवार को न्याय जरूर मिलेगा. वहीं इस मामले में चीफ इंजीनियर विनोद कुमार गंगवार ने बताया की इस पूरे प्रकरण की हम लोग जांच कर रहे हैं. जांच में जो तथ्य सामने आएगा इस संबंध में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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