समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) भले ही नफरती भाषण देने के मामले में अदालत से बरी हो गए हों, लेकिन उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.
ADVERTISEMENT
अब आजम खान के जोहर ट्रस्ट द्वारा संचालित रामपुर पब्लिक स्कूल की मान्यता फर्जी दस्तावेज के आधार पर हासिल करने के आरोप में पुलिस ने 1888 पन्नों की चार्जशीट एमपी-एमएलए कोर्ट में दाखिल की है.
क्या है ये मामला?
यह मामला रामपुर पब्लिक स्कूल को बेसिक शिक्षा विभाग से मान्यता दिलाने के मामले में फर्जी फायर एनओसी और सीएनडीएस द्वारा जारी किए गए फर्जी प्रमाण पत्र लगाने के संबंध में दर्ज किया गया था, जिसमें पुलिस की जांच चल रही थी.
पुलिस ने लंबी जांच के बाद सपा नेता आजम खान, उनकी पत्नी तजीन फातिमा और बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात तत्कालीन बाबू तौफीक अहमद को आरोपी बनाया है. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 6 जून को तय की है.
नफरती भाषण देने के मामले में आजम बरी
गौरतलब है कि पिछले दिनों आजम खान को साल 2019 में नफरती भाषण देने के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने निचली अदालत द्वारा दी गई तीन साल कैद की सजा को खारिज कर दिया.
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान नफरती भाषण देने के मामले में एमपी/एमएलए मजिस्ट्रेट अदालत ने उस वक्त रामपुर सदर सीट से सपा विधायक रहे खां को 27 अक्टूबर 2022 को तीन साल की सजा सुनायी थी। उसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गयी थी और वोट देने का अधिकार भी वापस ले लिया गया था. खान ने निचली अदालत के इस निर्णय के खिलाफ विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए अदालत में अपील की थी.
ADVERTISEMENT