बाहुबली बृजेश सिंह 13 साल के लंबे इंतजार के बाद वाराणसी के शिवपुर स्थित केंद्रीय कारागार से रिहा हो गए. बुधवार को प्रयागराज हाई कोर्ट ने गाजीपुर की उसरी चट्टी पर मुख्तार अंसारी पर हमले के मामले में बृजेश सिंह को सशर्त जमानत दी थी. इस मामले में आरोप है कि बृजेश सिंह ने साथियों के साथ मिलकर मऊ के तात्कालिक विधायक मुख्तार अंसारी काफिले के पर जानलेवा हमला करवाया था.
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इस हमले में मुख्तार अंसारी के एक गनर सहित तीन लोगों की मौत भी हो गई थी. गुरुवार को वाराणसी के शिवपुर में स्थित सेंट्रल जेल से शाम लगभग 7:00 बजे बृजेश सिंह रिहा हो गए. आपको बता दें कि 2001 के उसरी चट्टी कांड के बाद से ही यह माना जाने लगा था कि बृजेश सिंह की भी हत्या हो चुकी थी. ऐसा इसलिए क्योंकि वह गायब हो चुके थे.
हालांकि साल 2009 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भुवनेश्वर से उनकी गिरफ्तारी की. तभी से बृजेश सिंह जेल में है. बुधवार को बृजेश सिंह को इस मामले में प्रयागराज हाईकोर्ट से बेल मिल गई. बृजेश सिंह की रिहाई के घंटों पहले जेल के आसपास हलचल बढ़ गई थी. लोगों की आवाजाही भी बढ़ गई थी. ठीक 7:00 बजे बृजेश सिंह एक फॉर्च्यूनर गाड़ी में सवार हो गए. इस दौरान उनसे बात करने की भी कोशिश की गई.
गाड़ियों के काफिले के साथ निकले बृजेश सिंह
दर्जनों लग्जरी गाड़ियों वाले काफिले में सवार होकर बृजेश सिंह शहर के सोनिया इलाके में स्थित अपने आवास रघुकुल भवन के लिए निकल पड़े. आपको बता दें कि बृजेश सिंह के ऊपर 41 मामले दर्ज थे, जिसमें से 15 में वह बरी भी हो गए हैं. सिर्फ 3 मुकदमों का ट्रायल चल रहा है, जिसमें दो में पहले ही जमानत मिल चुकी है. सिर्फ यही एक मामले में जमानत नहीं मिली थी.
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