वाराणसी के शृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले को लेकर मंगलवार को जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 26 मई तय की. शासकीय अधिवक्ता राणा संजीव सिंह ने बताया कि यह मुकदमा चलाने लायक है या नहीं, इस पर अदालत 26 मई को सुनवाई करेगी. इसके अलावा, जिला जज ने आयोग की ओर से दाखिल की गई सर्वे रिपोर्ट पर हिंदू और मुस्लिम पक्षों से 7 दिन के भीतर आपत्ति मांगी है.
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गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले शुक्रवार को ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर मामले को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत से जिला जज के न्यायालय में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए थे. उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि मामले की संवेदनशीलता और जटिलता को देखते हुए यह बेहतर है कि कोई अनुभवी न्यायिक अधिकारी इस मामले की सुनवाई करे.
बता दें कि वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने राखी सिंह तथा अन्य की याचिका पर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था। सर्वेक्षण का यह काम पिछली 16 मई को पूरा हुआ था, जिसके बाद इसकी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी गई थी।
हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने के अंदर शिवलिंग मिलने का दावा किया था. इसी बीच उच्चतम न्यायालय में मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर याचिका की सुनवाई की गई. मुस्लिम पक्ष की दलील थी कि ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कराया जाना उपासना स्थल अधिनियम 1991 का उल्लंघन है. हालांकि हिंदू पक्ष का दावा है कि सर्वेक्षण के दौरान परिसर के अंदर हिंदू धार्मिक चिह्न तथा अन्य चीजें मिली हैं.
ज्ञानवापी: BHU के प्रोफेसर का दावा- ‘मस्जिद के वजूखाने में मिला शिवलिंग नंदीकेश्वर का है’
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