ज्ञानवापी केस: तहखाने में किसकी और कैसे होती थी पूजा? व्यास परिवार के पोते ने बताई पूरी कहानी

बृजेश सिंह

• 07:52 PM • 31 Jan 2024

व्यास परिवार के पोते आशुतोष व्यास ने बताया कि 30 साल पहले तीन वक्त यहां पर शिवलिंग की पूजा होती थी. मंगला आरती से पूजा-पाठ की शुरुआत होती थी. परिसर के अंदर 100 से भी ज्यादा लोग पूजा-पाठ कर सकते हैं.

gyanvapi case

gyanvapi case

follow google news

वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में बुधवार को वाराणसी जिला अदालत द्वारा ऐतिहासिक फैसला देते हुए ज्ञानवापी परिसर के व्यासजी के तहखाना में पूजा-पाठ की अनुमति दी गई है. वाराणसी जिला अदालत द्वारा दिए गए इस फैसले के बाद हिंदू पक्ष में खुशी का माहौल है. 

यह भी पढ़ें...

वहीं, इस फैसले के आने के बाद यूपीतक ने व्यास परिवार के पोते आशुतोष व्यास से इस पूरे मामले पर बात की. व्यास परिवार के आशुतोष व्यास ने बताया कि यह फैसला बहुत बड़ा फैसला है, हम सभी इस फैसले को लेकर काफी खुश हैं. एक लंबे वक्त का इंतजार अब जाकर खत्म हुआ है. 

आशुतोष व्यास ने बताया कि साल 1993 से यहां पर पूजा पाठ बंद कर दिया गया था. अयोध्या के राम मंदिर मामले को लेकर मुलायम सिंह यादव की सरकार ने यहां पर सांप्रदायिक माहौल न बिगड़ने के लिए पूजा-पाठ पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद से यहां पर पूजा पाठ बंद था. अब जाकर 30 सालों बाद पूजा-पाठ का आदेश आया है.

आशुतोष व्यास के मुताबिक, ज्ञानवापी परिसर में कुल 10 तहखाने हैं, जिसमें से 2 तहखानों को खोला गया है.  आशुतोष व्यास ने बताया कि 30 साल पहले तीन वक्त यहां पर शिवलिंग की पूजा होती थी. मंगला आरती से पूजा-पाठ की शुरुआत होती थी. परिसर के अंदर 100 से भी ज्यादा लोग पूजा-पाठ कर सकते हैं. आशुतोष व्यास के अनुसार, तहखाने में कई शिवलिंग और टूटे-फूटे नंदी की कई मूर्ति हैं. उन्होंने बताया कि वह हमेशा परिसर के अंदर जाते रहे हैं और वहां पर उन्होंने हिंदुओं से जुड़ी हुई चीज जैसे कमल, स्वास्तिक और ओम की आकृतियां खंभों पर देखा है.

आशुतोष व्यास ने बताया कि बहुत ही खुशी की बात है. 30 सालों के बाद फिर से वह मौका आया है. पहले हमारे पूर्वज वहां पर पूजा पाठ करते थे. अब यह मौका हमें मिलेगा इसकी अपार खुशी है.

एक हफ्ते में शुरू होगी पूजा

हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि जिला न्यायाधीश ने अपने आदेश में जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा है कि वादी शैलेन्द्र व्यास और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा तय किये गए पुजारी से व्यास जी के तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा और राग भोग कराए जाने की व्यवस्था सात दिन के भीतर कराएं.यादव ने बताया कि पूजा कराने का कार्य काशी विश्वनाथ ट्रस्ट करेगा. ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के समक्ष बैठे नंदी महाराज के सामने लगी बैरीकेडिंग को हटाकर रास्ता खोला जाएगा.

    follow whatsapp