वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी-सर्वे के दौरान सोमवार को वजूखाने में कथित रूप से शिवलिंग मिलने के बाद अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. इस बीच प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष के वकील रईस अहमद अंसारी ने यूपी तक बातचीत की है. बता दें कि वायरल वीडियो की पुष्टि करते हुए रईस अंसारी ने कहा कि ‘यह वीडियो ठीक है, जो नजारा इसमें दिख रहा है, वैसा ही हमें दिखा था.’ मगर इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह आकृति कोई शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है. दरअसल, हिंदू पक्ष ने लोगों ने सोमवार को दावा किया था मस्जिद के भीतर वजूखाने में शिवलिंग मिला है.
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मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा,
“वो शिवलिंग नहीं फव्वारा है. उसके बीच में सुराख है. शिवलिंग में कोई सुराख नहीं होता है. उसके ऊपर पांच खांचे बने हुए हैं, लगता है उसके ऊपर किसी चीज को दाबकर उसे कसा गया था. वो फव्वारा टूट गया है. बीच पानी निकलने का पाइप है, आधा इंच का करीब, वो पाइप आज भी उसमें मौजूद है. उसमें सीख डालकर देखी गई थी, करीब 30-35 इंच सीख उसमें चली गई थी. फव्वारे के ऊपर का हिस्सा टूट चूका हैम, इसलिए वो काम नहीं कर रहा है. 100% मैं दावे के साथ कह रहा हूं, वो फव्वारा है.”
रईस अहमद अंसारी
उन्होंने आगे बताया, “यह वजूखाना मस्जिद की पूरब साइड में है. पहले उधर सीढ़ी हुआ करती थी बाहर जाने के लिए, वो बंद हो गई है. मैं यकीन के साथ कह सकता हूं, यह फव्वारा है. हम बचपन में जाते थे, तो ये चलता भी था.
गौरतलब है कि वाराणसी की एक स्थानीय अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर किए गए सर्वे का काम सोमवार को समाप्त हुआ. हिन्दू पक्ष का दावा है कि मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग मिला है. इसके बाद अदालत ने जिला प्रशासन को कथित शिवलिंग तथा उसके पाए जाने के स्थान को सील करके वहां किसी के भी जाने पर पाबंदी लगा दी है.
हालांकि मुस्लिम पक्ष शिवलिंग मिलने के दावे को गलत ठहरा रहा है. उसका कहना है कि मुगल काल की मस्जिदों में वजू खाने के अंदर फव्वारा लगाए जाने की परंपरा रही है. उसी का एक पत्थर सर्वे में मिला है, जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है.
ज्ञानवापी: अब शिवलिंग बनाम फव्वारे की लड़ाई! वायरल वीडियो में क्या दिख रहा है, यहां जानिए
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