वाराणसी (Varanasi News) की जिला अदालत मंगलवार को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर मामले (Gyanvapi-Shringar Gauri case) में मुकदमे की पोषणीयता (सुनवाई करने या नहीं करने) के मुद्दे पर सुनवाई करेगी. यह सुनवाई जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में होगी. आपको बता दें कि सुनवाई से एक दिन पहले यानी सोमवार को हिंदू पक्ष ने एक ट्रस्ट का गठन किया था, जो कोर्ट के मामलों की देख-रेख करेगा.
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इस केस में अब तक क्या-क्या हुआ?
इससे पहले ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर मामले में हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया था कि मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने जिला जज के समक्ष मुकदमे की पोषणीयता पर बहस की. इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की ओर से दायर याचिका (जिसमें हिंदुओं को ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा करने की अनुमति दिए जाने की मांग की गई है) सहित मुकदमे के सभी 51 बिंदुओं को अदालत के समक्ष पढ़ा और न्यायिक प्रस्तुतिकरण के लिए 12 जुलाई तक का समय मांगा, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया.
गौरतलब है कि दिल्ली निवासी राखी सिंह और अन्य की याचिका पर वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने 26 अप्रैल को ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराने का निर्देश दिया था. सर्वे का यह काम 16 मई को मुकम्मल हुआ था, जिसकी रिपोर्ट 19 मई को अदालत में पेश की गई थी.
हिंदू पक्ष ने सर्वे के अंतिम दिन ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया था, जिसे मुस्लिम पक्ष ने नकारते हुए कहा था कि वह शिवलिंग नहीं, बल्कि फव्वारा है. इसके बाद अदालत ने परिसर के विवादित हिस्से को सील करने का आदेश दिया था.
उच्चतम न्यायालय ने मई में ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर मामले को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत से जिला जज के न्यायालय में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए थे. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर 23 मई से जिला जज की अदालत में इस मामले की सुनवाई हो रही है.
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