Gyanvapi Update: भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (ASI) द्वारा किए गए ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की रिपोर्ट सामने आने के बाद हिंदू पक्ष उत्साहित है. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने इस रिपोर्ट को सिरे से नकार दिया है. बता दें कि गुरुवार को हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने दावा किया कि ASI की रिपोर्ट से संकेत मिला है कि ज्ञानवापी मस्जिद वहां पहले से मौजूद एक पुराने मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई थी. इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि अब उनका आगे का प्लान क्या है.
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हम वजू खाने के सर्वेक्षण की मांग करेंगे: जैन
पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, विष्णु जैन ने कहा ने कहा कि सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया गया है कि ज्ञानवापी परिसर में स्थित तहखाने की छत जिन खम्भों पर टिकी है वे सब नागर शैली के मंदिर के स्तंभ हैं. उन्होंने कहा कि इन साक्ष्यों से यह प्रतीत होता है कि 17वीं शताब्दी में औरंगजेब द्वारा जब आदि विशेश्वर का मंदिर तोड़ा गया था तो उसके पूर्व उक्त स्थान पर विशाल मंदिर ही था. जैन ने कहा कि अब हम वजू खाने के सर्वेक्षण की मांग अदालत के समक्ष करेंगे.
अब समझौता नहीं होगा: विष्णु
विष्णु शंकर जैन ने कहा, "ASI की रिपोर्ट सामने आने पर सब कुछ शीशे की तरफ साफ है. अगर कोई अब समझौते की बात करता है तो मंजूर नहीं होगा. इसका एक ही समाधान है कि मुस्लिम पक्ष इसे खाली कर दे. हम कोर्ट के माध्यम से अपना मंदिर हासिल करेंगे. ASI की रिपोर्ट में साफ हो गया है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी. जल्द ही ज्ञानवापी परिसर हमारा होगा."
'हिंदू देवी देवताओं के अवशेष मिले'
जैन ने दावा करते हुए कहा कि उन्होंने दावा किया कि सर्वेक्षण के दौरान दो तहखानों में हिंदू देवताओं की मूर्तियों के अवशेष पाए गए हैं. जैन ने दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद के निर्माण में स्तंभों सहित पहले से मौजूद मंदिर के कुछ हिस्सों का इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने दावा किया कि मंदिर को तोड़ने का आदेश और तारीख पत्थर पर फारसी भाषा में अंकित है. उन्होंने कहा कि ‘महामुक्ति’ लिखा हुआ एक पत्थर भी मिला है.
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