नए संसद भवन के अशोक स्तंभ की डिज़ाइन पर उठे सवाल, खुद देखिए सारनाथ में मौजूद मूल स्वरूप को

रोशन जायसवाल

• 03:46 PM • 12 Jul 2022

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के हाथों सोमवार को नए संसद भवन पर विशालकाय अशोक स्तंभ ( Ashoka Pillar Controversy) के उद्घाटन के…

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के हाथों सोमवार को नए संसद भवन पर विशालकाय अशोक स्तंभ ( Ashoka Pillar Controversy) के उद्घाटन के बाद से ही विपक्षी दलों की ओर से सवाल खड़ा करना शुरू हो गया है कि अशोक स्तंभ अपने मूल स्वरूप से अलग है और उसके शेर की आकृति में उग्रता दिख रही है. इसी बात की तस्दीक करने के लिए यूपी तक ने उस जगह का दौरा किया, जहां राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ मूल स्वरूप में स्थापित है. वह जगह कहीं और नहीं, बल्कि वाराणसी के सारनाथ क्षेत्र में स्थित पुरातात्विक म्यूजियम है. जहां सम्राट अशोक के द्वारा बनवाए गए अशोक स्तंभ को रखा गया है.

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जाहिर तौर पर नए संसद भवन की छत पर लगा अशोक स्तंभ मूल अशोक स्तंभ से कहीं ज्यादा बड़ा है, लेकिन अशोक स्तंभ पर लगे शेर के मुख और उसके भाव के बारे में कुछ कह पाना मुश्किल था. जिसके बारे में विशेषज्ञ ही कुछ बता सकते हैं. लेकिन जब इस बारे में म्यूजियम में सैर कराने पहुंचे पर्यटकों के गाइड से पूछा गया तो उन्होंने भी संसद भवन पर लगे अशोक स्तंभ के शेर के भाव को उग्र बताया, लेकिन वहीं ऐसे भी लोगों की कमी नहीं थी जिन्होंने दोनों ही अशोक स्तम्भ को समान बताया.

पर्यटकों को सारनाथ की सैर कराने वाले यूपी सरकार के मान्यता प्राप्त गाइड मनोज सिंह की मानें तो सम्राट अशोक की ओर से बनवाए गए अशोक स्तंभ जैसा कोई कलाकृति आज तक बनी ही नहीं है और वह एक विशेष कलाकृति का खास नमूना है. जो सारनाथ म्यूजियम में रखा है. लेकिन मोदी जी के द्वारा बनाए गए नवीन अशोक स्तंभ से मूल अशोक स्तंभ के आर्टिफैक्ट में भिन्नता नजर आती है. फेस के एग्रेसिव मोड और पॉलिश की भिन्नता दिखाई पड़ती है.

उन्होंने बताया कि नए संसद भवन की छत पर लगा अशोक स्तंभ थोड़ा एग्रेसिव लग रहा है. शेर का टूथ थोड़ा आपस में नजदीक होना चाहिए, जो थोड़ा ओपन टूथ है. इन सबके बावजूद किया गया प्रयास उत्तम है, क्योंकि हूबहू असल जैसा बनाया नहीं जा सकता है.

तो वहीं पर्यटकों के लाइजनर के रूप में काम करने वाले बुजुर्ग रामजी पांडेय ने बताया कि दोनों ही अशोक स्तंभ में कोई फर्क नहीं लग रहा है. सिर्फ इतना ही अंतर है कि नया वाला अशोक स्तंभ थोड़ा लंबा-चौड़ा है. उन्होंने संसद भवन के नए अशोक स्तंभ के उग्र होने की बात से भी इंकार किया और बोला जो है, सब ठीक है. अब विरोधियों का काम ही है अड़ंगा लगाना और कुछ न कुछ कहना.

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