ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कोर्ट कमिश्नर के सर्वे के दौरान हुई वीडियो रिकॉर्डिंग का एक्सक्लूसिव वीडियो सोमवार को लीक हो गया. वीडियो सार्वजनिक होने पर वादी और प्रतिवादी पक्ष ने आपत्ति जताई है. इस मामले में यूपी तक ने प्रतिवादी पक्ष के वकील रईस अहमद अंसारी से खास बातचीत की है.
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‘लीक हुए वीडियो को देखकर क्या आपके दावे पर असर पड़ रहा है?’ इस सवाल के जवाब में मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा,
“हमारे दावे पर क्या असर पड़ रहा है ये बहुत मायने नहीं रखता है. उसका समाज पर क्या इम्पैक्ट जा रहा है ये बहुत मायने रखता है. लोगों को उस बारे में जानकारी नहीं है, उन्हें गुमराह किया जा रहा है. इसपर हम 110% कायम हैं कि वो फव्वारा ही है और कुछ नहीं.”
रईस अहमद अंसारी
‘जो वीडियो लीक हुआ है, उसको लेकर आपने कोर्ट में शिकायत की है क्या?’ इसपर अंसारी ने कहा, “कोर्ट ने पहले भी कहा था कि ऐसे फोटो और वीडियो को लीक न किया जाए. मीडिया में जिस तरह से उसे फैलाया जा रहा है और जिस तरह से उसके आधार पर गलत अफवाहें फैलाई जा रही हैं, ये गलत काम हो रहा है. हमने इसलिए आपत्ति दाखिल की है कोर्ट में.”
अंसारी से बताया कि उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि जिन लोगों ने सर्वे की वीडियो लीक हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
ज्ञानवापी परिसर के सामने आए वीडियो में क्या दिखा?
सामने आए वीडियो में कई चीजें देखने को मिली हैं. वीडियो में मस्जिद के वजूखाने में एक आकृति दिखाई दे रही है, जिसे हिंदू पक्ष शिवलिंग बता रहा है. वहीं मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह आकृति शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है.
इसके अलावा, वीडियो में दीवारों पर त्रिशूल और स्वास्तिक के चिह्न मिले हैं. साथ ही फूल और घंटे की आकृति भी मिली हैं. फिलहाल मामला कोर्ट में है और हिंदू व मुस्लिम, दोनों ही पक्षों के वकील अपने-अपने तर्क रख रहे हैं.
ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे का वीडियो लीक, वादी महिलाओं का दावा- उनका लिफाफा तो खुला ही नहीं
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