Varanasi celebrates Dev Deepawali: शिव की नगरी काशी में सोमवार शाम भव्य देव दीपावली मनायी गई. सूर्यास्त के साथ ही उत्तर वाहिनी गंगा के तट पर प्रज्वलित लाखों दीपों ने अलौकिक छटा बिखेरी. तकरीबन आठ किलोमीटर लंबे काशी के घाटों पर मानों आकाशगंगा के सितारे उतर आए हों. सभी महत्वपूर्ण घाटों पर भव्य महाआरतियों और घंट-घड़ियालों की ध्वनि से काशी की धरा पर देवताओं का स्वागत हुआ. देव दीपावली के अवसर पर काशी का प्रत्येक घाट अलग-अलग रंग बिखेरता दिखा. कहीं लेज़र शो का आयोजन हुआ, तो कही ग्रीन आतिशबाजियां देखने के लिए देश और दुनिया के सैलानी टकटकी बांधे खड़े रहे.
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इसके अलावा दशाश्वमेध घाट पर अमर जवान ज्योति की अनुकृति बनाकर देश के वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. मां गंगा की महाआरती में नारी शक्ति की भी अद्भुत तस्वीर देखने को मिली. यहां मुख्य अर्चक के रूप में कन्याओं ने गंगा मइया की पूजा-वंदना की.
21 लाख दीपों से जगमग हुई पुण्यधरा काशी
देव दीपावली पर काशी नगरी में तकरीबन 21 लाख दीये जलाए गए. सिर्फ काशी के अर्धचंद्राकार घाटों पर ही 10 लाख से अधिक दीये जलाए गए. इसमें आठ लाख दीये पश्चिमी तट पर स्थित 84 घाटों पर जबकि, दो लाख दीये पूर्वी तट की रेत पर जलाए गए. इसके अलावा गंगा-गोमती तट पर स्थित मार्कण्डेय महादेव के धाम से लेकर शूलटंकेश्वर मंदिर के समीप नदी तट को आकर्षक दीयों से सजाया गया.
शिवपुर झील, मोती झील, जंसा क्षेत्र में रामेश्वर महादेव मंदिर, दुर्गाकुंड मंदिर, कर्दमेश्वर महादेव मंदिर तालाब, मैदागिन स्थित मंदाकिनी कुंड, शंकुलधारा पोखरा, बरेका स्थित सूर्य सरोवर के साथ ही वरुणा नदी के शास्त्रीघाट पर भी लाखों दीयों से जलनिधियों को जगमग किया गया.
शामिल हुए SCO देशों के सदस्य
पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से वाराणसी की देव दीपावली साल दर साल भव्य से भव्यतम रूप में दिखाई देने लगी है. हाल ही में काशी को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की और से एक साल के लिए सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी घोषित किया गया है. वहीं देव दीपावली पर SCO देशों में से रूस से एक व किर्गिस्तान से दो सदस्य काशी की अलौकिक छटा को निहारने पहुंचे.
50 टन फूलों से सजाया गया काशी विश्वनाथ धाम
देव दीपावली पर काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को 50 टन फूलों से सजाया गया. सजावट का कार्य दो दिन पहले से शुरू हो गया था. इसके लिए सरकार की ओर से 80 लाख रुपए खर्च किए गए थे. वाराणसी के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा के अनुसार विशाखापट्टनम के डेकोरेटर के.बाबूराव ने स्वेच्छा से मंदिर को सजाने-संवारने के लिए पहल की थी. मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप पूरे मंदिर परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया गया. इसमें विश्वनाथ धाम के गंगाद्वार को आकर्षक झालरों से सजाया गया. श्रीकाशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद इस साल ये पहली देव दीपावली रही. आने वाले सालों में भी देव दीपावली पर विश्वनाथ धाम को भव्य रूप से सजाया जाएगा.
अलौकिक के साथ आधुनिक काशी का नजारा
काशी में एक साथ 21 लाख दीयों के प्रज्जवलित होने से अलौकिक समा बंधा. साथ ही, चेत सिंह घाट पर पहली बार 3 डी प्रोजेक्शन मैपिंग शो के माध्यम से गंगा अवतरण व देव दीपावली की कथा और लेज़र शो के माध्यम से भगवान शिव के चित्रात्मक भजन सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो उठे. देव दीपावली पर काशी के सभी मंदिरों, यहां तक कि सड़क के बिजली खंभों को भी आकर्षक झालरों से सजाया गया. काशी विश्वनाथ धाम के सामने गंगा पार रेत पर ग्रीन आतिशबाजी का भी लोगों ने जमकर आनंद लिया. इसके अलावा शहर के छह स्थानों पर घाटों की रौनक और महाआरतियों का सीधा प्रसारण किया गया.
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