Varanasi News: गांधी जयंती के मौके पर उत्तर प्रदेश के वाराणसी से चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां गांधी जयंती के मौके पर आयोजित पदयात्रा को पुलिस ने परमिशन ना होने की वजह से रोक दिया है. इसके बाद पद यात्रा के आयोजकों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई है और आयोजन में शामिल लोग धरने पर बैठ गए हैं.
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आपको बता दें कि वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सिंहद्वार पर साझा संस्कृति मंच द्वारा मालवीय प्रतिमा से टाउन हॉल तक पदयात्रा का आयोजन किया गया था. पदयात्रा की परमिशन ना होने की वजह से पुलिस अधिकारियों ने इस पदयात्रा को रोक दिया था. पुलिस द्वारा पदयात्रा में शामिल सभी लोगों से अपील की गई है कि सभी कानून का पालन करें और इस पद यात्रा को स्थगित करें. मगर पदयात्रा में शामिल लोग धरने पर बैठ गए हैं.
इस मामले पर पद यात्रा में शामिल हुए कांग्रेस नेता संजीव सिंह ने कहा, “आज के दिन देश महात्मा गांधी का जन्म उत्सव एक पर्व के तौर में मनाता है. यह पर्व राजनीतिक और गैर राजनीतिक हर कोई मनाता है. हम हर साल की तरह इस दिन प्रभात फेरी निकाल रहे थे”. उन्होंने आगे पुलिस पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “प्रभात फेरी को पुलिस कानून का उल्लंघन बता रही है. हमने पुलिस से कहा कि प्रभातफेरी निकालना किस कानून का उल्लंघन है? आप वह आदेश दिखा दीजिए, लेकिन पुलिस द्वारा आदेश नहीं दिखाया गया.
कांग्रेस नेता ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि योगी सरकार की पुलिस गांधीवादियों पर गुंडागर्दी कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि हम शांति का संदेश देने जा रहे हैं और हमारा मकसद अशांति फैलाना नहीं है. कांग्रेस नेता के अनुसार वह लोग शांतिपूर्ण तरीके से टाउन हाल तक जाते और वहां गांधी जी के विचारों पर एक छोटी सी सभा करते. लेकिन पुलिस द्वारा हमें रोक दिया गया.
बीएचयू के छात्र रोहित राणा ने बताया कि गांधी जयंती के उपलक्ष्य में एक शांति मार्च मालवीय प्रतिमा से टाउन हाल तक निकालने का कार्यक्रम था. इस पदयात्रा में अमन चैन शांति का संदेश दिया जाना था. हम लोगों से आग्रह कर रहे थे कि अगर आपको कोई भी नफरत की तरफ ले जाना भी चाहता है तब भी आप उनकी बातों में ना आए.
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