ज्ञानवापी विवाद: हिंदू पक्ष की मुख्य वादी के केस वापस लेने पर सस्पेंस, वकील ने कही ये बात

रोशन जायसवाल

• 11:24 AM • 08 May 2022

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी मामले में हिन्दू पक्ष की तरफ से 5 वादी में से मुख्य वादी राखी सिंह ने…

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वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी मामले में हिन्दू पक्ष की तरफ से 5 वादी में से मुख्य वादी राखी सिंह ने अपना केस वापस लेने का ऐलान कर दिया है. हालांकि, इस केस की अगुवाई करने वाली संस्था विश्व वैदिक सनातन संघ के लीगल एडवाइजरी कमेटी के सदस्य और वादी पक्ष से मुख्य अधिवक्ता शिवम गौड़ ने अलग ही दावा किया है.

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उन्होंने यूपी तक से बातचीत में बताया, “राखी सिंह ने अभी तक केस वापसी को लेकर किसी तरह का कोई ऐलान नहीं किया है. यह ऐलान विश्व वैदिक सनातन संघ ने किया है. विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से ज्ञानवापी से संबंधित मुकदमों से नाम वापसी की बात कही गई है. अभी राखी सिंह का नाम वापसी एक मुकदमा से होगा या कई केस से होंगे, यह स्पष्ट नहीं है.”

वकील शिवम गौड़ ने बताया, “अभी तक राखी सिंह का किसी तरह का स्टेटमेंट नहीं आया है. यह संस्था और कार्यकारिणी का निर्णय है जिसको वह मानेंगी.”

उन्होंने बताया, “राखी सिंह विश्व वैदिक सनातन संघ की फाउंडर मेंबर और कार्यकारिणी सदस्य हैं और यह केवल राखी सिंह का ही अकेला फैसला नहीं कहा जा सकता, बल्कि पूरे संस्था का फैसला कहा जा सकता है.”

वकील शिवम गौड़ ने बताया, “जो व्यक्ति पूरे एक साल से मुकदमा को इस मोड़ पर लेकर आया है और अब पीछे हट रहा है तो इसके लिए शासन-प्रशासन और योगी जी (यूपी सीएम) को सोचना चाहिए कि आखिर वह ऐसा क्यों कर रहा है?”

उन्होंने बताया कि आधा दर्जन मुकदमों में से किसका नाम वापस होगा, अभी उन्हें नहीं पता है. शिवम गौड़ ने बताया, “आधा दर्जन मुकदमों में अब तक अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी या शासन प्रशासन ने एक भी जवाब नहीं दिया है.” उन्होंने बताया कि 6 मुकदमों में लार्ड आदी विशेश्वर, नंदी जी, गंगा, लाट भैरव और श्रृंगार गौरी शामिल हैं.

उन्होंने आगे बताया, “राखी सिंह 9 मई, सोमवार को बनारस आ रही हैं. जिसके बाद ही स्पष्ट हो जाएगा कि आगे क्या होगा?”

गौरतलब है कि विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह और अन्य ने अगस्त 2021 में अदालत में एक वाद दायर कर श्रंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी.

सिविल जज (जूनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गत 26 अप्रैल को अजय कुमार मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी-सर्वे करके 10 मई को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था. मिश्रा ने वीडियोग्राफी और सर्वे के लिये छह मई का दिन तय किया था.

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