Aligarh News: 21 जून को विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Day of Yoga) मनाया गया. इस मौके पर देश समेत विश्वभर से अनोखी-अनोखी तस्वीर देखने को मिली. भारतीय सेना से लेकर हमारे राजनेताओं तक ने योग किया. स्कूलों-कॉलेजों में भी योग की कक्षाएं लगाई गईं. हर कोई योग को लेकर उत्साहित दिखा. दूसरी तरफ योग को लेकर हमारे देश में राजनीति भी होती है. आपको सूर्य नमस्कार को लेकर हुआ विवाद याद ही होगा. योग की कई क्रियाओं को लेकर भी अक्सर मौलवी भड़कते रहते हैं. मगर एक मुस्लिम बेटी ने योग का ऐसा हाथ थामा कि समाज के सभी ठेकेदारों का मुंह बंद हो गया.
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दरअसल उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ की रहने वाली 12 साल की मासूम उरूज मुदस्सीर ने योग में अपना ऐसा मन लगाया कि आज उसकी पहचान योग से ही हो रही है. क्लास 6 में पढ़ने वाली उरूज ने बचपन से ही योग करना शुरू कर दिया था. मगर उसके परिजनों ने उसे कभी मना नहीं किया और ना ही उसपर कोई पाबंदी लगाई. जहां एक तरफ योग के खिलाफ फतवे जारी हो रहे थे, तो वहीं मासूम उरूज हर दिन योग में महारत हासिल कर रही थी.
7 साल की उम्र से कर रही है योग
बता दें कि मात्र 12 साल की उरूज मुदस्सीर ने योग में ऐसी महारत हासिल की है कि उसने राज्य स्तरीय योगा कंपटीशन में स्वर्ण पदक भी जीत लिया है. उरूज की मां आशी मुदस्सीर ने अपनी बेटी को कभी योग के लिए नहीं रोका. बल्कि उसे प्रोत्साहित किया.
उरूज अपने परिवार के साथ अलीगढ़ में ऊमरकोट स्तिथ जामा मस्जिद के पास रहती है. मिली जानकारी के मुताबिक, जब मासूम 7 साल की थी तभी उसने योग का एक फोटो देखा था. तभी से उसने योग की कठिन से कठिन क्रियाएं और योगासन करने शुरू कर दिए. आज उसकी इस प्रतिभा को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शिक्षक और कर्मचारी भी सराहते हैं.
अब योग भी सिखाने लगी मासूम
मात्र 12 साल की उरूज मुदस्सीर अब योगा टीचर भी बन गई है. वह दूसरे लोगों को योग भी सिखाती है. उरूज का कहना है कि सभी को योग करना चाहिए. योग से सेहत अच्छी रहती है और शरीर स्वस्थ बनता है. बता दें कि उरूज की मां आशी मुदस्सीर प्राइवेट स्कूल में शिक्षिका हैं तो वहीं पिता मोहम्मद मुदस्सीर हार्डवेयर कारोबारी हैं. आज अपने योग के दम पर ही इतनी छोटी उम्र में उरूज ने अपनी खास पहचान बना ली है.
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