अलीगढ़ जिले के नंगला मानसिंह इलाके में पिछले 3 महीनों से बंदरों का आतंक देखने को मिल रहा है. स्थानीय लोगों के मुताबिक, ये बंदर अब तक करीब 60 से ज्यादा बच्चों घायल चुके हैं. लोगों का कहना है कि प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद बंदरों को पकड़ने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है. लोगों ने बताया कि ये बंदर छोटे-छोटे बच्चों को अकेला देखकर उन पर हमला कर देते हैं.
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बंदरों के आतंक से स्थानीय लोगों में खौफ
लोगों का यहां तक कहना है कि इलाके का कोई घर ऐसा नहीं है, जहां इन बंदरों न किया हो. स्थानीय लोगों का कहना है कि ये बंदर छोटे बच्चों को अपना शिकार बनाते हैं और अपने नुकीले दांतों से उनके कान काट लेते हैं. प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो ये बंदर बच्चों को पकड़ने के बाद उनके कंधे पर बैठ जाते हैं और कान काट लेते हैं.
मामले में स्थानीय लोगों ने और क्या बताया?
स्थानीय लोगों ने बताया कि छोटे बच्चों को वे लोग घर से बाहर नहीं निकलने देते हैं और स्कूल भी साथ छोड़ने जाते हैं. महिलाओं ने बताया कि ये बंदर कभी भी और कहीं भी बच्चों पर हमला कर देते हैं. उन्होंने बताया कि ये बंदर इतने निडर हो चुके हैं कि घर के आंगन और छत के सा-साथ कमरे के अंदर भी घुस जाते हैं और अकेला देखकर बच्चों पर हमला कर देते हैं. बहुत से लोगों का कहना है कि आर्थिक रूप से ज्यादा सक्षम नहीं हैं और बच्चों के इलाज में काफी रुपए खर्च हो रहे हैं. ऐसे में उन्होंने प्रशासन से इन बंदरों को जल्द-से-जल्द पकड़वाने की मांग की है.
इस मामले में सामाजिक वानिकी विभाग के प्रभागीय निदेशक दिवाकर कुमार वशिष्ठ ने बताया, “हमने कुछ दिन पहले सर्वे कराया था, जिले में 10000 के करीब बंदरों की संख्या पाई गई है. हमने पत्र जारी कर नगर निगम को बंदरों को पकड़ने की अनुमति दी है. बंदरों को पकड़ने में वन विभाग नगर निगम की पूरी सहायता करेगा.”
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