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उत्तर प्रदेश और देश के इतिहास में पुलिस पर हुए हमलों में गिना जाने वाले बिकरू कांड को 2 साल पूरे हो चुके हैं.
2 जुलाई की ही वह तारीख थी, जब कानपुर में गैंगस्टर विकास दुबे ने दबिश देने गई पुलिस टीम को गोलियों से छलनी कर दिया था, जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे.
बिकरू कांड में सीओ देवेंद्र मिश्रा, एसओ महेश यादव, सब इंस्पेक्टर अनूप सिंह, नेबू लाल और कॉन्स्टेबल जितेंद्र पाल, सुल्तान सिंह, बबलू कुमार और राहुल कुमार शहीद हुए थे.
बता दें कि पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में दर्ज किए केस में 2 साल बाद भी ट्रायल नहीं शुरू हो सका है. पुलिस ने इस मामले में 5 हिस्सों में चार्जशीट दाखिल की है.
मिली जानकारी के अनुसार, विकास गैंग के अब 12 मेंबर जिंदा बचे हैं, जो जेल में हैं.
विकास दुबे के फाइनेंसर जय बाजपेई समेत उसके तमाम गुर्गों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया है. दुबे की संपत्ति के साथ ही जय बाजपेई की करोड़ों की गाड़ियां, फ्लैट और संपत्ति कुर्क की जा चुकी है.
वहीं, बिकरू कांड के 2 साल बीतने के बाद गांव में भी धीरे-धीरे सब बदल रहा है.
जिस गांव में विकास दुबे की मर्जी के बिना कोई ग्राम प्रधान नहीं बन पाता था, आज उस गांव में मधु चुनाव जीतकर ग्राम प्रधान हैं.
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