UP Political News: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने बुधवार को राज्यस्तरीय, मण्डलस्तरीय और जिलास्तरीय समितियों के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की. इस दौरान मायावती ने प्रदेश और देश के बदलते राजनीतिक हालात व सम्बंधित खास घटनाक्रमों आदि पर रणनीतिक चर्चा की और जरूरी दिशा-निर्देश दिए. ऐसा कहा जा रहा है कि मायावती ने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को मीडिया में कुछ भी ना बोलने की नसीहत भी दी है, यही वजह थी कि बैठक के बाद किसी भी नेता और पदाधिकारी ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया.
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मायावती ने नेताओं को चुप रहने को क्यों कहा?
इसके पीछे की वजह मानी जा रही है कि बसपा चीफ मायावती ने पार्टी गठबंधन को लेकर जिक्र किया और सही सलाह भी ली. इसलिए मायावती ने इस बात का जिक्र बाहर मीडिया में ना करने को कहा, क्योंकि जैसे ही परिस्थितियां राजनीति में चेंज होंगी उसी हिसाब से ही बसपा सुप्रीमो अपना फैसला लेंगी.
बैठक की टाइमिंग पर करिए गौर
मायावती की बैठक की टाइमिंग गौर करने वाली बात है. दरअसल, मायावती ने पार्टी नेताओं के साथ ऐसे समय में बैठक की है जब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव बिहार में अन्य दलों के साथ 23 जून को ‘विपक्षी एकता’ का संदेश देंगे. बता दें कि बसपा को इस बैठक में नहीं बुलाया गया है.
बसपा चीफ की दूसरी पार्टियों पर नजर!
बसपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी चीफ मायावती ने गठबंधन के बारे में जिक्र करने से नेताओं मना किया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि तब तक किसी प्रकार के गठबंधन की बात ना की जाए जब तक अन्य राजनीतिक पार्टियों अपनी स्थिति साफ नहीं कर देती हैं.
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