उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले तमाम अटकलों के बीच स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. स्वामी प्रसाद मौर्य कद्दावर ओबीसी नेता माने जाते हैं. बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत में ओबीसी वोट बैंक का बड़ा हाथ था, ऐसे में चुनाव से ठीक पहले स्वामी प्रसाद मौर्य का मंत्रिमंडल से इस्तीफा बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है.
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मिली जानकारी के अनुसार, बीजेपी ने डेमेज कंट्रोल करने के लिए के प्रदेश संगठन के महासचिव सुनील बंसल और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को उन नेताओं को मनाने जी जिम्मेदारी दी है जो पार्टी से नाराज चल रहे हैं. खबर है इन दोनों नेताओं को यह जिम्मेदारी केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर दी गई है.
बता दें कि पिछले कई दिनों से ये अटकलें बहुत जोरों पर थीं कि स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी का दामन छोड़कर समाजवादी पार्टी (एसपी) में शामिल हो सकते हैं. योगी मंत्रीमंडल से स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद एसपी चीफ अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा,
”सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन! सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा, बाइस में बदलाव होगा”
अखिलेश यादव
आपको बता दें कि मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य के योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफे के बाद बीजेपी के 2 विधायकों ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. बांदा जिले की तिंदवारी विधानसभा से बीजेपी विधायक ब्रजेश प्रजापति और शाहजहांपुर की तिलहर सीट से एमएलए रोशनलाल वर्मा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. इन दोनों विधायकों के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं.
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