बुधवार को उत्तर प्रदेश बीजेपी से एक बड़ी खबर सामने आई. बताया गया कि स्वतंत्र देव सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों की मानें तो उन्होंने अपना इस्तीफा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप दिया है. चूंकि स्वतंत्र देव सिंह का कार्यकाल 16 जुलाई को खत्म हो गया था. ऐसे में प्रदेश में नए अध्यक्ष को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं.
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सूत्रों का दावा है कि मौजूदा समीकरणों को देखते हुए प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी, ब्राह्मण या पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हो सकते है. यूपी में 2014, 2017, 2019 और 2022 के चुनावों में बीजेपी का प्रदर्शन शानदार रहा है. ऐसे में बीजेपी एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की योजना पर काम कर रही है.
यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि इस दौरान बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव भी करेगी. क्योंकि अब लोकसभा चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा है, पार्टी जाति और सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करेगी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में पूर्व उपमुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, पिछड़ा वर्ग और ब्राह्मण समेत कई चेहरे भी शामिल हैं. ऐसे में ओबीसी खेमे से केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा और संजीव बालियान का नाम सबसे आगे चल रहा है और यूपी के मंत्री धर्मपाल सिंह की भी सियासी गलियारों में चर्चा तेजी से हो रही है.
ब्राह्मण चेहरों में बीजेपी अध्यक्ष बनने की दौड़ में सुब्रत पाठक, हरीश द्विवेदी, दिनेश उपाध्याय, गोविंद नारायण शुक्ला, ब्रज बहादुर शर्मा समेत कई और चेहरे हैं. लगातार जीत का सिलसिला बनाए रखने के काम के चलते बीजेपी को प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी जाति और क्षेत्रीय समीकरण भी तय करेगी.
महत्वपूर्ण बात यह है कि स्वतंत्र देव सिंह ने यूपी बीजेपी के अध्यक्ष के रूप में तीन साल पूरे कर लिए हैं. उन्हें 19 जुलाई 2019 को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था और उन्होंने इस पद पर तीन साल पूरे कर लिए हैं. इसके साथ ही वह तीन साल का कार्यकाल पूरा करने वाले पांचवें प्रदेश अध्यक्ष हैं.
अखिलेश यादव अगर मुख्यमंत्री बन जाते तो यूपी में डकैती पड़ जाती: स्वतंत्र देव सिंह
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