UP Political News: बेंगलुरु में विपक्ष की INDIA यानी Indian National Developmental Inclusive Alliance के ऐलान के बाद अब लोकसभा चुनाव को लेकर पूरे देश में 26 पार्टियों का गठजोड़ सामने आया है. इसमें उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर इसकी अगुवाई करेगी. हालांकि इस गठबंधन का नाम तो साफ हो गया, लेकिन अभी इस बात पर संशय बरकरार है कि यूपी में सीटों को लेकर क्या स्थिति होगी. अखिलेश यादव पहले ही बीजेपी के खिलाफ सभी ताकतों को एक करने की बात कह चुके हैं. हालांकि असली पेच सीटों के बंटवारे में ही फंसना है. वहीं बहुजन समाज पार्टी मायावती ने बुधवार को साफ कर दिया कि वह किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होंगी और अपने दम पर यूपी में चुनाव लड़ेंगी.
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अब बात अगर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की साझेदारी की करें, तो माना जा रहा है कि कांग्रेस 30 से ज्यादा सीटों पर यूपी में चुनाव लड़ने की इच्छा रखती है. हालांकि समाजवादी पार्टी की मानें, तो इसके आधे से भी कम सीटें देने की हालत अभी नहीं है. इसके अलावा आरएलडी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने सिंबल पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है. वहीं इसके अलावा जनवादी पार्टी और अपना दल कमेरावादी भी एक सीट की उम्मीद समाजवादी पार्टी से कर रहा है. ऐसे में सपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती 80 सीटों में हिस्सेदारी तय करने की है.
मायावती एकला चलो की राह पर
उधर मायावती ने बुधवार को ऐलान कर दिया कि हम अकेले चुनाव लड़ेंगे. राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना में बसपा दम पर चुनाव लड़ेगी और हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों में राज्य के क्षेत्रीय दलों के साथ चुनाव लड़ सकती है. मायावती ने कहा कि एक तरफ सत्ता पक्ष एनडीए अपनी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की दलीलें दे रही है, तो दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन सत्ताधारी को मात देने के लिए काम कर रही है. इसमें बीएसपी भी पीछे नहीं है. मायावती आरोप लगा रही हैं कि कांग्रेस पार्टी अपने जैसी जातिवादी और पूंजीवादी सोच रखने वाली पार्टी के साथ गठबंधन करके फिर से सत्ता में आने की सोच रख रही है.
वह आग कह रही हैं कि एनडीए फिर से सत्ता में आने का दावा ठोक रही है लेकिन इनकी कार्यशैली यही बताती है कि इनकी नीति और सोच लगभग एक जैसी ही रही है. यही कारण है कि बसपा ने इनसे दूरी बनाई है.
बीजेपी ने विपक्ष के गठबंधन को घेरा
बीजेपी ने विपक्ष के इस गठबंधन पर पलटवार किया है. यूपी तक से बातचीत में यूपी डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि, ‘कांग्रेस की मानसिकता अभी तक बदली नहीं है. इंडिया इस इंदिरा का नारा देने वाले यह लोग हैं जिनकी सोच बदली नहीं है जो ऐसा नाम दे रहें हैं. जो हश्र इंडिया इस इंदिरा का हुआ वही इस नारे का भी होगा. बीजेपी गरीब कल्याण के लिए लगातार काम करके जनता का भरोसा पा चुकी है. 2014 से लेकर आज तक बीजेपी ने जीत हासिल की है.’
एनडीए गठबंधन को लेकर मायावती के रुख को लेकर कहा, ‘फिलहाल कुछ नहीं कह सकते, मुझे जानकारी नहीं है. जैसी स्थिति आएगी उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है. जनता का भरोसा भी बीजेपी ने जीता है, विपक्ष का यह गठबंधन कहीं भी नहीं टिकेगा. अखिलेश यादव ने 14, 17, 19 तीनों में अलायंस किया लेकिन सफल नहीं हुआ. जनता अच्छी तरह जानती है कि सिर्फ मोदी जी ही देश का कल्याण कर सकते हैं. इसीलिए सभी उन्हें तीसरी बार पीएम बनाने के लिए बीजेपी के साथ हैं.’
सपा का दावा- विपक्ष हो गया साथ, हारेगी बीजेपी
समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर से विपक्ष को एक करने की बात दोहराई है. सपा नेता सुनील सिंह साजन ने कहा कि, ‘जो लोग देश को बचाना चाहते हैं और बीजेपी की तानाशाही के खिलाफ हैं, वह सभी बेंगलुरु में साथ हुए. अभी ये लड़ाई एनडीए और इंडिया के बीच है.’ मायावती के सवाल पर सुनील सिंह साजन ने कहा कि, ‘बीजेपी को हराने के लिए सभी साथ आए, उनका भी स्वागत है, लेकिन यह बात मायावती ही तय करेंगी कि वह इंडिया के साथ हैं या NDA के साथ. 2019 में सपा के समर्थन से ही बीएसपी 10 सांसद लाने में कामयाब हुई. अब अखिलेश यादव पहले ही सभी विपक्षी दलों को साथ लेकर चलने की बात कह चुके हैं.’
इंडिया एलायंस को लेकर सपा के सहयोगी अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने कहा कि सीट के बंटवारे को लेकर अभी भूमिका तय नहीं, लेकिन हमारी चाहत बीजेपी को उखाड़ने की है. मायावती के अकेले चुनाव लड़ने के ऐलान पर कहा कि विपक्ष को उनके आने न आने से कोई नुकसान नहीं. यह उनका फैसला है लेकिन देश को तोड़ने वालों के खिलाफ जो लोग एक हैं वह इंडिया के साथ हैं.
इस मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि, ‘मायावी ताकतों को परास्त करने के लिए इंडिया अलायंस चल पड़ा है, जिसमें सभी दल बेहद मजबूत हैं. यूपी में कांग्रेस पार्टी समाजवादी पार्टी और आरजेडी के साथ चुनावी मैदान में होगी जिसके लिए हम पूरी तरीके से तैयार हैं. जो लोग आज हमारे साथ नहीं है आने वाले समय में जनता उनको सबक सिखाएगी. जहां तक सीट शेयरिंग का मामला है तो सामंजस्य और सहनशीलता के साथ नरेंद्र मोदी के अहंकार के खिलाफ यह गठबंधन है, जिसमें सीटों का बंटवारा आसानी से हो जाएगा इस पर कोई समस्या नहीं है.’
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