‘नेशनल हेराल्ड’ समाचार पत्र से जुड़े कथित धनशोधन के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूछताछ कर रही है. सोमवार और मंगलवार के बाद ईडी राहुल से आज यानी बुधवार को भी पूछताछ करेगी. इस बीच यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (एसपी) के मुखिया अखिलेश यादव ने ईडी की ‘नई परिभाषा’ बताते हुए सरकार पर तंज कसा है.
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बुधवार को किए अपने फेसबुक पोस्ट में एसपी चीफ ने कहा,
“ED का मतलब अब ‘Examination in Democracy’ बन गया है. राजनीति में विपक्ष को ये परीक्षा पास करनी होती है. जब सरकार स्वयं फ़ेल हो जाती है तब वो इस परीक्षा की घोषणा करती है. जिनकी तैयारी अच्छी होती है वो न तो लिखा-पढ़ी की परीक्षा से डरते हैं, न मौखिक से… और कभी डरना भी नहीं चाहिए.”
अखिलेश यादव
बता दें कि मंगलवार को बस्ती पहुंचे अखिलेश ने इसी मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए कहा था, “जितने भी हम राजनीति करने वाले लोग हैं, उनको परीक्षा देनी पड़ती है. जैसे दसवीं, बारहवीं की परीक्षा होती है उसी तरह ईडी भी एक परीक्षा है. ये डेमोक्रेसी की परीक्षा है.”
उन्होंने कहा था, “सोचिए ये परीक्षा डेमोक्रेसी में हो रही है और इस तरह सरकारें हमेशा करती हैं, जो सरकार ताकतवर हैं. आज आप उत्तर प्रदेश में देख लीजिए कि लेखपाल, तहसीलदार और एसडीएम मिल जाएं तो आप का घर गिरा देंगे. किसी की भी जमीन किसी के नाम पर चढ़ा देंगे.”
इसके अलावा अखिलेश ने कहा, “लॉ अलग फेंक दिया है. ऑर्डर अलग चल रहा है. यूपी में सबसे ज्यादा कस्टोडियल डेथ हो रही हैं. अनुसूचित जनजाति के लोगों के साथ सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहा है. यूपी में महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा उत्पीड़न हो रहा है. यहां लॉ एंड ऑर्डर केवल दिखावा है. इन के पास मंहगाई और बेरोजगारी का जवाब नहीं है. इस लिए हमको आपको उलझा कर रखे हुए हैं.”
ईडी राहुल से क्यों कर रही पूछताछ?
ईडी धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत राहुल गांधी का बयान दर्ज कर रही है. इसी मामले में ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 23 जून को पेश होने के लिए कहा है। सोनिया गांधी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अस्वस्थ हैं और फिलहाल सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती हैं.
अधिकारियों के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार से पूछताछ ईडी की जांच का हिस्सा है, ताकि ‘यंग इंडियन’ और ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) के हिस्सेदारी पैटर्न, वित्तीय लेन-देन और प्रवर्तकों की भूमिका को समझा जा सके.
‘यंग इंडियन’ के प्रवर्तकों और शेयरधारकों में सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्य शामिल हैं. कांग्रेस का कहना है कि उसके शीर्ष नेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं तथा ईडी की कार्रवाई प्रतिशोध की राजनीति के तहत की जा रही है. उसने यह भी कहा कि पार्टी और उसका नेतृत्व झुकने वाले नहीं है.
दिल्ली की एक निचली अदालत द्वारा ‘यंग इंडियन’ के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिए जाने के बाद एजेंसी ने पीएमएलए के आपराधिक प्रावधानों के तहत एक नया मामला दर्ज किया था. बीजेपी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस संबंध में वर्ष 2013 में एक शिकायत दर्ज कराई थी.
स्वामी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर धोखाधड़ी की साजिश रचने एवं धन के गबन का आरोप लगाया था और कहा था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त करने के लिए केवल 50 लाख रुपये का भुगतान किया, जो एजेएल पर कांग्रेस का बकाया था.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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