UP Political News: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन यानी शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होती ही सपा ने वॉकआउट कर दिया. सदन में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “सदन चला चार दिन…इस सत्र में सरकार की तरफ से महंगाई, बेरोजगारी पर जवाब नहीं आया. स्वास्थ्य सेवाएं आज भी वैसे ही ठप हैं. इसलिए इस सदन से हम वॉकआउट कर रहे हैं.” इसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश ने अपने विधायकों के साथ पैदल मार्च निकाला. इस मौके पर अखिलेश ने मीडिया से बातचीत भी की.
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सपा प्रमुख ने कहा,
“कहते हैं कि यूपी में डबल इंजन की सरकार है. लेकिन उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर जानवर बीमार हैं. सड़कों पर गड्ढे हो गए हैं, सड़कें गड्ढों में बदल गई हैं. बिजली महंगी, हर चीज महंगी होती जा रही है. नौजवानों को रोजगार के सपने दिखाए थे. सरकार आखिर वन ट्रिलियन इकोनॉमी कैसे बनाएगी, अगर किसान बर्बाद होगा, इन्वेस्टमेंट नहीं आएगा नौकरियां नहीं मिलेंगी.”
अखिलेश यादव
उन्होंने कहा, “इन सभी मांगों पर आज समाजवादी पार्टी और सभी दलों ने आज वाकआउट किया है. बड़े पैमाने पर गन्ना किसानों का भुगतान नहीं हुआ है. आज भी अस्पतालों में लोगों को स्ट्रेचर नहीं मिल रहा, एंबुलेंस नहीं पहुंच पा रही है, किसी अस्पताल में दवाई नहीं है, पीएचसी-सीएचसी में डॉक्टर नहीं हैं, गरीब इलाज कहां कराएगा?”
बकौल अखिलेश, “अस्पताल में ₹100 का पर्चा कर दिया है, लेकिन सुविधाएं नहीं बढ़ीं. डॉक्टर की भर्ती नहीं की जा रही है. सरकार नौकरी देने में साजिश कर रही है कि जो पहले संविदा पर नौकरी कर रहे थे वह निकाले जा रहे हैं. अपनी मनमर्जी की कंपनी को टेंडर देना फिर मनमर्जी से संविदा पर रखना यही खेल चल रहा है.”
सपा मुखिया ने कहा, “हमने और समाजवादी पार्टी के सभी सदस्यों ने कहा पहले दिन हम पैदल सदन तक जाएंगे. जो सरकार ने रूट तय किया था उस पर सहमति हो गई थी, लेकिन आखिर रात में यह रूट क्यों बदला गया, किसके दबाव में बदला गया?”
अखिलेश ने कहा, “हमारी मांग है सदन का समय बढ़ाया जाए, हम अभी सदन में कुर्सियों पर बैठ जाएंगे. हमने पहले दिन भी मांग की थी लेकिन सरकार ने सदन 4 दिन का ही रखा. अब तक कई विभागों का बजट जिलों में नहीं पहुंचा है, आखिर इस पर मंत्री जवाब क्यों नहीं दे रहे? हम सरकार को समय-समय पर जगाते हैं सवाल पूछते हैं सरकार को जवाब देना चाहिए.”
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश ने कहा, “आजम खान को जानबूझकर परेशान करना चाहते हैं. पहले भी आजम खान को जेल भेजा गया.”
बकौल सपा प्रमुख, “पहले सरकार कहती थी कि हम मदरसों को मॉडर्न करेंग, संस्थाओं को बेहतर करेंगे, उसके लिए बजट देंगे लेकिन सरकार यह बताएं कि मदरसों की पढ़ाई को बेहतर करने के लिए क्या काम किए गए? मदरसे ही नहीं संस्कृत के विद्यालय, संस्कृत यूनिवर्सिटी को बजट क्यों नहीं दिया जा रहा है? आप सुविधाएं बढ़ाइए, अगर मदरसों में अच्छी पढ़ाई करा सकते हैं तो उनको बजट दीजिए. समाज में बंटवारा रहे, जाति-धर्म का झगड़ा लगा रहे, यही सरकार की मंशा है.”
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