भारतीय जनता पार्टी के साथ राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन होने जा रहा है. खुद रालोद चीफ जयंत चौधरी ने कहा कि मैंने अपनी पार्टी के सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं से बात करने के बाद एनडीए में शामिल होने का फैसला किया है. इसी बीच खबर आई थी कि रालोद चीफ जयंत चौधरी के एनडीए में जाने को लेकर पार्टी के कई नेता नाराज हैं.
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खबर आई थी कि रालोद में जयंत के इस फैसले को लेकर घमासान मचा हुआ है और पार्टी के नेता जयंत चौधरी से ही नाराज हैं. इन खबरों को तब और ताकत मिली जब खबर सामने आई कि अयोध्या राम मंदिर दर्शन करने पार्टी के 9 में से सिर्फ 5 विधायक ही पहुंचे. 4 विधायक रामलला के दर्शन करने अयोध्या नहीं गए. इन 4 विधायकों में शामली के थाना भवन विधानसभा के विधायक अशरफ अली भी शामिल थे.
विधायक अशरफ अली के अयोध्या में राम मंदिर नहीं जाने पर तरह-तरह की चर्चा चलने लगी. इस मामले में जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वह अपने नेता जयंत चौधरी के साथ हैं और निजी कारण की वजह से अयोध्या में नहीं जा सके. इसको लेकर उनके आवास पर राष्ट्रीय लोकदल के विधायक अशरफ अली और उनके समर्थकों से बातचीत की तो सभी ने एक सुर में जयंत चौधरी के बीजेपी से गठबंधन का स्वागत किया है.
उन्होंने कहा कि राम हमारे दिल में है, घर का कुछ पर्सनल काम होने की वजह से मैं नहीं पहुंच पाया, इसलिए हम अयोध्या नहीं गए. उन्होंने कहा कि हम एनडीए में रहकर किसानों, पिछड़ों, दलितों, मजदूरों की लड़ाई लड़ते आए हैं, उसी को लेकर भाजपा सरकार में वार्ता हुई. उन्होंने आगे कहा कि आगे भी हम किसानों की और मजदूरों की कामगारों की और दलितों की लड़ाई लड़के रहेंगे.
भाजपा होगी मजबूत
बता दें कि रालोद चीफ जयंत के एनडीए में शामिल होने से इसका सीधा लाभ एनडीए नीत भाजपा को मिलेगा. रालोद की पश्चिम उत्तर प्रदेश में अच्छी पकड़ मानी जाती है. किसान और जाट वोट बैंक पर भी रालोद की मजबूत पकड़ है. ऐसे में जयंत के एनडीए आने से ये वोट बैंक भाजपा नीत एनडीए के खाते में चला जाएगा.
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