भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बुधवार, 17 अगस्त को अपने नए केंद्रीय संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का गठन किया. आपको बता दें कि केंद्रीय संसदीय बोर्ड भाजपा की वो संस्था है जिसे बहुत ताकतवर माना जाता है और पार्टी के सभी बड़े तथा अहम फैसले इसी बोर्ड के माध्यम से लिए जाते हैं.
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गौर करने वाली बात ये है कि भाजपा के नए संसदीय बोर्ड में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जगह नहीं मिली है. जबकि 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली बंपर जीत के बाद चर्चा यह थी कि संसदीय बोर्ड में सीएम योगी को भी शामिल किया जा सकता है. सीएम योगी को संसदीय बोर्ड में शामिल न किए जाने की ये दलील सामने आई है कि इस बार इसमें किसी भी मुख्यमंत्री को जगह नहीं दी गई है.
संसदीय बोर्ड में इन्हें मिली जगह-
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जगत प्रकाश नड्डा (अध्यक्ष)
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नरेंद्र मोदी
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राजनाथ सिंह
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अमित भाई शाह
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बी. एस. येदयुरप्पा
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सर्बानंद सोनोवाल
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के. लक्ष्मण
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इकबाल सिंह लालपुरा
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सुधा यादव
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सत्यनारायण जटिया
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बी एल संतोष (सचिव)
सीएम योगी को लेकर थी ये चर्चा
2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत हासिल करने के बाद ऐसी चर्चा उठी थी कि अब सीएम योगी कद पार्टी में बढ़ाया जाएगा. इसके लिए ऐसा कहा गया था कि भाजपा सीएम योगी को अपने केंद्रीय संसदीय बोर्ड में शामिल कर सकती है.
राजनीतिक गलियारों के बीच चर्चा ये थी कि पीएम पद का उमीदवार बनाने से पहले भाजपा ने नरेंद्र मोदी को संसदीय बोर्ड में शामिल किया था. मगर बीजेपी के इस नए संसदीय बोर्ड में किसी भी मुख्यमंत्री को जगह नहीं दी गई है, जबकि पहले से इस बोर्ड का हिस्सा रहे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस बार शामिल नहीं किया गया है. ध्यान देने वाली बात यह है कि इस बार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी संसदीय बोर्ड में जगह नहीं दी गई है.
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