भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) आज कल खासा सुर्खियों में हैं. पिछले काफी समय से अपनी ही सरकार की आलोचन करने पर वह खबरों में बने हुए हैं. मगर अब लगता है वरुण गांधी के सुर बदल रहे हैं. इसी बीच खबर आई है कि वरुण गांधी ने ऑक्सफोर्ड यूनियन (Oxford Union) से मिला आमंत्रण ठुकरा दिया है. बता दें कि वरुण गांधी को ऑक्सफोर्ड यूनियन की तरफ से मोदी सरकार पर डिबेट को लेकर आमंत्रित किया गया था. मगर भाजपा सांसद वरुण ने इस आमंत्रण को ठुकरा दिया है.
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नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज पर होनी थी डिबेट
मिली जानकारी के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड यूनियन की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के कामकाज को लेकर डिबेट होनी थी. बहस का विषय ‘This House Believes Modi’s India is on the Right Path’ यानी क्या भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सही रास्ते पर है’ रखा गया था. मगर इसमें शामिल होने के लिए वरुण गांधी ने मना कर दिया है.
भाजपा सांसद ने ये कहते हुए किया मना
वरुण गांधी ने निमंत्रण का जवाब देते हुए एक पत्र लिखा. इसमें वरुण गांधी ने लिखा कि इस तरह के विषयों पर भारत के अंदर ही नीति निर्माताओं के बीच चर्चा होनी चाहिए. वरुण गांधी ने आगे लिखा कि वह ऐसे विषयों को संसद में या अन्य उचित फोरम पर उठाने को प्राथमिकता देते हैं. अंदरुनी चुनौतियों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने का कोई मतलब नहीं है.
भाजपा सांसद ने निमंत्रण का जवाब देते हुए आगे लिखा कि भारत विकास और समावेशिता के सही रास्ते पर है. एक चुने हुए प्रतिनिधि के तौर पर मेरी जिम्मेदारी है कि मैं योजनाओं का अध्ययन करूं और उसपर सुझाव दूं, जिससे हमारा सिस्टम और योजनाएं मजबूत हो सके. भारत के नीति निर्माताओं को इस तरह की टिप्पणी देश के अंदर ही करनी चाहिए. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश के आंतरिक मुद्दों को उठाने में कोई ईमानदारी नहीं है.
राहुल गांधी के बयानों पर हुआ था भारी विवाद
बता दें कि वरुण गांधी को ऑक्सफोर्ड यूनियन की तरफ से निमंत्रण ऐसे समय आया है, जब कुछ ही दिनों पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी कैम्ब्रिज में दिए अपने बयानों से काफी चर्चाओं में रहे. लंदन में दिए गए राहुल के बयानों का भारतीय जनता पार्टी ने जमकर विरोध किया और उसे देश के लोकतंत्र का अपमान तक बताया. राहुल गांधी की कुछ टिप्पणियों को लेकर देश में भारी विवाद हुआ था.
गौरतलब है कि भाजपा सांसद वरुण गांधी पिछले काफी समय से अपनी ही सरकार की आलोचन कर रहे हैं. कई मुद्दों पर वरुण ने सरकार की नीतियों और कार्यशैली को निशाने पर लिया है. बेरोजगारी, भर्तियां समेत ऐसे कई मुद्दे हैं, जिसपर वरुण ने भाजपा सरकार की नीतियों का विरोध किया है. पिछले दिनों ऐसा भी अंदाजा लगाया जा रहा था कि वरुण गांधी, समाजवादी पार्टी या कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. मगर ये सब सियासी कयासबाजी ही साबित हुई हैं.
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