समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के मोहम्मद अली जिन्ना से जुड़े बयान पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक बार फिर से हमला बोला है.
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बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा है,
“जिन्ना के बयान पर अडिग रहकर अखिलेश यादव जी यह साबित कर रहे हैं कि उनके लिए वो वोट बैंक अभी भी प्यारा है जो भारत-पाकिस्तान के मैच में पाकिस्तान के जीतने पर पटाखा फोड़ने का काम करता है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह सरदार वल्लभ भाई पटेल और महात्मा गांधी की तुलना मोहम्मद अली जिन्ना से कर रहे हैं और अपने इस बयान पर वो अभी भी अडिग हैं.
राकेश त्रिपाठी, बीजेपी प्रवक्ता
उन्होंने आगे कहा, “अखिलेश यादव को यह बयान महंगा पड़ेगा, क्योंकि इस देश की धरती पर मोहम्मद अली जिन्ना का महिमा मंडन स्वीकार नहीं किया जा सकता. जब-जब यह देश मोहम्मद अली जिन्ना को याद करता है, तो विभाजन की त्रासदी याद आती है. लाखों लोगों का पलायन याद आता है. हजारों लोगों की मौत याद आती है. मां-बहनों के साथ अत्याचार याद आता है. जिन्ना इस देश के लिए नायक नहीं, हमेशा खलनायक रहेगा.”
आपको बता दें कि 6 नवंबर को जनवादी पार्टी सोशलिस्ट के कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर एसपी चीफ अखिलेश यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान एक पत्रकार ने अखिलेश से जिन्ना को लेकर दिए गए बयान पर कॉन्टेक्स्ट क्लियर करने की बात कही. इस पर अखिलेश बोले, “क्यों करें कॉन्टेक्स्ट क्लियर, मैं तो कहूंगा दोबारा किताबें पढ़नी चाहिए इन लोगों को.”
अखिलेश ने जिन्ना को लेकर क्या कहा था?
अखिलेश यादव ने 31 अक्टूबर को हरदोई की एक जनसभा में कहा था, “सरदार (वल्लभ भाई) पटेल जी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था में पढ़े और बैरिस्टर बनकर आए थे. एक ही जगह पर उन्होंने पढ़ाई-लिखाई की. वो बैरिस्टर बने. उन्होंने आजादी दिलाई.”
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम लिए बिना कहा था, “अगर कोई विचारधारा (आरएसएस की) है जिस पर प्रतिबंध लगाया गया था तो वह लौह पुरुष सरदार पटेल थे जिन्होंने प्रतिबंध लगाने का काम किया था.”
एसपी अध्यक्ष अखिलेश ने कहा था, “आज, जो लोग देश को एकजुट करने की बात कर रहे हैं, वे हमें और आपको जाति और धर्म के आधार पर विभाजित कर रहे हैं.”
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